ईरान में बुर्के के खिलाफ बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने आंदोलन छेड़ दिया है। ये आंदोलन अब सड़क पर उग्र होने लगा है। इतना की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी। इसमें पांच की मौत जबकि 100 से ज्यादा के घायल होने की खबर है।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसी नौबत क्यों आई? इतनी बड़ी संख्या में अचानक से मुस्लिम महिलाओं ने बुर्के के खिलाफ आंदोलन क्यों छेड़ दिया है? महिलाओं की क्या मांग है? ये महिलाएं कैसे प्रदर्शन कर रहीं हैं? आइए समझते हैं...
क्यों शुरू हुई लड़ाई?
13 सितंबर को ईरान की पुलिस ने 22 साल की महसा अमीनी नाम की लड़की को गिरफ्तार कर लिया था। आरोप था कि उसने बुर्का सही से नहीं पहना था और सिर नहीं ढका था। महसा ईरान के कुर्दिस्तान की रहने वालीं थीं और कुर्द मूल से थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महसा को पुलिस ने कस्टडी में प्रताड़ित किया और खूब पिटाई की। इससे महसा की हालत खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां महसा कोमा में चली गईं और फिर 16 सितंबर को महसा की मौत हो गई। इसके बाद ईरान की महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा। कुर्दिस्तान से तेहरान तक सैकड़ों की संख्या में महिलाएं सड़क पर आ गईं।
कोई बाल काट रहा, कोई बीच सड़क बुर्के जला रहा
महसा की मौत से भड़की मुस्लिम महिलाओं ने आंदोलन छेड़ दिया है। महिलाओं के समर्थन में बड़ी संख्या में पुरुष भी आगे आए हैं। सभी सरकार और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य की जगह वैकल्पिक किया जाए। उनका कहना है कि हिजाब की वजह से वे क्यों मारी जाएं। बुर्के के विरोध में बड़ी संख्या में महिलाओं ने कैंची से खुद के बाल छोटे किए और उसका वीडियो शूट करके सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसी तरह सड़कों पर प्रदर्शन करने के दौरान भी महिलाएं अपने हिजाब और बुर्के को उतारकर जला रहीं हैं। जगह-जगह इस तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं।
ईरान पुलिस ने आरोपों से किया इंकार
महसा अमीनी की मौत पर ईरान की पुलिस ने भी सफाई दी है। पुलिस ने कहा कि महसा को कस्टडी के दौरान पीटने की खबर गलत है। पुलिस ने किसी तरह से गलत व्यवहार नहीं किया। ग्रेटर तेहरान पुलिस के कमांडर हुसैनी रहीमी ने कहा कि महसा अमीनी की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम चाहते हैं कि कभी भी ऐसी घटना न हो। हुसैनी ने कहा कि हिरासत में रहने के दौरान महसा को किसी तरह से परेशान नहीं किया गया है। प्रताड़ित करने और मारपीट करने की खबर गलत है।
कई विश्वविद्यालयों में भी शुरू हुए आंदोलन
महसा की मौत से भड़के युवाओं ने भी सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। ईरान के कई विश्वविद्यालयों में आंदोलन हो रहे हैं। फारस और तनशीम न्यूज एजेंसी के अनुसार ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर मशहाद में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने सेंट्रल तेहरान में भी प्रदर्शन किए हैं। मुस्लिम महिलाओं ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और अपने हिजाब उतार डाले। प्रदर्शन तेज होने के बाद पुलिस ने कई जगहों पर लाठीचार्ज किया है। आंसू गैस के गोले भी दागे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई जगहों पर प्रदर्शनकारी मुस्लिम महिलाओं ने इस्लामिक रिपब्लिक मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।