अच्छा जीवन जीने के लिए ध्यान करना बहुत जरूरी है। यदि आप चाहते हैं कि आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहें तो प्रतिदिन ध्यान करें। ध्यान करने का मन बनाना, उसके विषय में सोचना बहुत आसान है लेकिन उसे खुद से करना इतना आसान नहीं होता है। कई सारे लोगों को ध्यान करते समय तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे कि बेचैनी होना, मन न लगना आदि। अगली स्लाइड्स में बताए गए नियमों का यदि आप पालन करेंगे तो आप जल्दी ही सही ढंग से ध्यान करने लगेंगे।
समय का चयन
कई बार हम सही ढ़ग से मेडिटेशन इसलिए भी नहीं कर पाते हैं क्योंकि हम गलत समय का चयन कर लेते हैं। ध्यान करने के लिए हर समय ठीक नहीं होता है। ध्यान के लिए सही समय सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक होता है। इसके पीछे कारण यह है कि इस समय सूर्य और पृथ्वी के बीच 60 डिग्री का कोण बनता है। इस दौरान ध्यान करने से पीयूषग्रंथि और शीर्षग्रंथि पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। जिस वजह से ध्यान में पूरा मन लगता है।
स्थान का चयन
बहुत जरूरी है कि आप जिस जगह ध्यान कर रहे हैं, उस जगह को अच्छे से देख लें क्योंकि हर जगह ध्यान नहीं हो सकता। यदि आप बिस्तर पर बैठकर शयनघर में मेडिटेशन करते हैं तब तो आपका मन नहीं ही लग सकता है इसलिए किसी ऐसे स्थान पर ध्यान करें, जहां पर शांति, सकारात्मक ऊर्जा और पर्याप्त रोशनी हो।
बैठने का तरीका
कई लोगों को मेडिटेशन करते वक्त इसलिए भी समस्या आती है क्योंकि उनके बैठने का तरीका गलत होता है जिस वजह से उनके शरीर पर अलग- अलग जगह दबाव बनता है और उनका ध्यान भंग होता है। इसलिए जब भी ध्यान करने बैठें तो रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर एकदम सीधे बैठें। ढीलेढाले कपड़े पहनें और कंधों और गर्दन को अधिक न तो तानें और न ही बहुत अधिक ढीला भी न छोड़ें।
पहले थोड़ी कसरत कर लें
कई बार जब नया-नया ध्यान करना शुरु करते हैं तो हमें बहुत अधिक सुस्ती और नींद आने लगती है, जिस वजह से हम ध्यान लगा ही नहीं पाते हैं। इसलिए जब भी ध्यान करने बैठें तो पहले थोड़ी कसरत कर लें। ऐसा करने से आपके शरीर में सही ढंग से रक्त का संचार होगा और शरीर में थोड़ी गर्माहट आएगी जिससे कि नींद उड़ जाएगी। ध्यान के दौरान होने वाली बेचैनी से भी राहत मिलेगी।