चार दिन बाद यानि 24 जून को
अमावस्या है और इस दिन भगवान शनि का दिन शनिवार पड़ रहा है। इस वजह से इसे शनिचर
अमावस्या भी कहते हैं। आषाढ़ माह में शनिवार को
अमावस्या पड़ रही है और ये संयोग 10 साल बाद बना। 2007 में आषाढ़ माह की
अमावस्या शनिवार के दिन ही थी। शनिवार के दिन
अमावस्या का पड़ना कई कारणों से काफी मायने रखती हैं।
अमावस्या पर शनिवार का दिन काफी मायने रखता है। साथ ही आर्द्रा नक्षत्र, वृद्घि योग और नाग करण भी इस दिन अहमियत रखता है।
अमावस्या, शनिवार और तीन नक्षत्र इन पांचों के योग का प्रभाव शनि साधना के लिए काफी विशेष है।
जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती, ढैय्या चल रही हो, उन्हें इस अमावस्या पर शनि की साधना करनी चाहिए। शनि के शांति के लिए शनि स्तवराज, शनि स्तोत्र और शनि अष्टक का पाठ करें।
शनि के बीज मंत्र का जप करके और वस्तुओं का दान करना न भूलें।