भारत के चार धाम देश की चारों दिशाओं में मौजूद हैं। उत्तर दिशा में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारिका पुरी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन तीर्थों का बहुत अधिक महत्व है। हर धाम की अलग- अलग विशेषताएं हैं। आइए, आज जानते हैं भारत के पवित्र धामों के बारे में।
आइए, आपको बताते हैं देश के किस राज्य में कौनसा धाम है....
बदरीनाथ
- देवों की भूमि उत्तराखंड में।
रामेश्वरम
पुरी
द्वारिका पुरी
बदरीनाथ धाम
- उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के किनारे बसा यह तीर्थ विष्णु भगवान को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने इस धाम की स्थापना की थी। इस पावन धाम में अचल ज्ञान ज्योति के प्रतीक के रूप में अखंड दीप जलता है और नर-नारायण की पूजा होती है। बद्रीनाथ धाम में 6 महीने तक पूजा की विधान है। हर साल अप्रैल के आखिरी या मई में मंदिर के कपाट खोले जाते हैं जो कि नवंबर के दूसरे सप्ताह तक खुले रहते हैं।
रामेश्वरम धाम
- तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में समुद्र के किनारे रामेश्वरम तीर्थ स्थित है। यह तीर्थ चारो ओर से हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है। रामेश्वरम धाम भगवान शिव को समर्पित है। इस पावन धाम में लिंग रूप में शिवजी की पूजा की जाती है।
पुरी धाम
- भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित श्रीकृष्ण को समर्पित जगन्नाथ मंदिर वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है। भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा इस मंदिर के तीन प्रमुख देवता हैं। हर वर्ष यहां पर रथ यात्रा का आयोजन होता है। इस रथ यात्रा में मंदिर के तीनों देवताओं अलग-अलग भव्य और सुसज्जित रथों में विराजमान होकर नगर की यात्रा को निकलते हैं।