लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ा नहीं हूं, पर रोज इसके सामने से अपनी नीले रंग की एटलस साइकिल से गुजरा बहुत हूं। पढ़ाई में कभी 38 फीसदी से ज्यादा नंबर नहीं आए। अगर 39 परसेंट आ जाते तो पिताजी खुश हो जाते थे कि बेटा पढ़ाई में सीरियस हो गया है। बावजूद, आज इस सौ साल पुराने विश्वविद्यालय में मुझे आमंत्रित किया गया है तो लगता है कि वास्तव में मैंने कुछ हासिल किया है। यह कहना है फिल्म अभिनेता अनुपम खेर का, जो रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी महोत्सव के साहित्यिक उत्सव से वर्चुअली जुड़े और लखनऊ से जुड़े तमाम किस्से साझा किए। कुलपति प्रो. आलोक कुमार ने उनका स्वागत किया और साहित्यकार यतीन्द्र मिश्र ने उनसे बात की।