हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं कि सुबह जल्दी उठना सेहत के लिए फायदेमंद है। आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार सुबह जल्दी उठने वाले लोग अन्य लोगों की तुलना में अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं, यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सभी लोगों को सूर्योदय से पहले जागना चाहिए। पर क्या आपने सोचा कि आखिर ऐसा क्यों है? दादा-दादी हमेशा सूर्योदय से पहले 'ब्रह्ममुहूर्त' में जागने पर जोर क्यों देते हैं?
आयुर्वेद में संतुलित आहार, योग, ध्यान और औषधियों के फायदों के साथ सोने या जागने के सही समय और उससे होने वाले फायदों का विस्तार से जिक्र किया गया है। सुबह जागने के समय को लेकर आयुर्वेदिक मान्यताओं का पारंपरिक चिकित्सा में भी समर्थन किया गया है। इन दोनों ही मान्यताओं में स्पष्ट किया गया है कि सूर्योदय से पहले जागने से शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है क्योंकि उस समय का वातावरण बेहद सुखदायक और शांत होता है। सुबह जल्दी जागना शरीर के लिए और किस प्रकार से लाभकारी हो सकता है, आइए इस बारे में आगे की स्लाइडों में विस्तार से जानते हैं।
विज्ञान भी मान चुका है सुबह जल्दी उठने के फायदे
सांस्कृतिक और आयुर्वेदिक मान्यताओं के साथ वैज्ञानिक भी सुबह जल्दी उठने को फायदेमंद मानते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक सुबह जल्दी उठने से योग, ध्यान और व्यायाम जैसी शारीरिक गतिविधियां के भी अधिक लाभ हो सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और शारीरिक संतुलन को ठीक करने के साथ याददाश्त संबंधी समस्याओं और एकाग्रता में सुधार करने में भी फायदेमंद हो सकता है। सुबह के समय जल्दी जागने से बुद्धि का विकास भी तेजी से होता है।
आयुर्वेद के अनुसार सुबह जल्दी उठने के फायदे
आयुर्वेद में सुबह जल्दी उठने के फायदों के बारे में विस्तार से समझाया गया है। आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में तीन मुख्य तत्व मौजूद होते हैं। वात (वायु और ईथर), पित्त (अग्नि और जल) और कफ (पृथ्वी और जल) हैं। इन तत्वों की मात्रा समय के अनुसार घटती-बढ़ती रहती है। वात मांसपेशियों, सांस लेने, पलक झपकने तथा ऊतकों और कोशिका की गतिविधियों से जुड़ा है। पित्त, पाचन, उत्सर्जन, मेटाबॉलिज्म और शरीर के तापमान की प्रक्रियाओं से जुड़ा है। वहीं कफ शरीर की संरचना यानी हड्डियों और मांसपेशियों से संबंधित है। इनमें तीनों में किसी भी तरह की समस्या शरीर में कई प्रकार के रोगों का कारण बन सकती है। आयुर्वेद के अनुसार सुबह जल्दी उठने वाले लोगों में इन तीनों की संतुलन बेहतर बना रहता है।
सुबह जागने का सही समय क्या है?
आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक ब्रह्ममुहूर्त के समय में उठना सबसे फायदेमंद माना जाता है, इसके बाद सभी लोगों को ध्यान, योग और व्यायाम जैसी शारीरिक गतिविधियों में वक्त देना चाहिए। सुबह का समय शांतिपूर्ण और ताज़ी हवा से भरपूर होता है, जिसे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। जिन लोगों को शरीर में तीन मुख्य तत्व, वात, पित्त या कफ में किसी प्रकार की दिक्कत हो उन्हें इससे छुटकारा मिल सकता है।
किस समय जागने के क्या फायदे हैं?
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार सुबह जागने का समय शरीर के दोषों के निवारण के लिए भी काफी लाभदायक माना जा सकता है। सूर्योदय से 30 मिनट पहले जागना वात के लिए, 45 मिनट पहले जागना पित्त के लिए और 90 मिनट पहले उठना कफ दोषों के निवारण के लिए सबसे उपयुक्त काल है। सुबह जल्दी उठकर योग और व्यायाम जैसे अभ्यास करने से सेहत को कई तरह के अन्य फायदे भी हो सकते हैं।
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नोट: यह लेख आयुर्वेद विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।
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