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Health Alert: अब एप्पल जूस भी रडार पर, अध्ययनकर्ताओं ने कहा- पैक्ड जूस में हो सकते हैं हानिकारक तत्व
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Fri, 09 Jun 2023 11:45 AM IST
अगर आप शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फलों के जूस का सेवन करते हैं तो वास्तव में यह काफी लाभकारी है। पर अगर ये जूस पैक्ड हैं तो क्या इससे से शरीर को उतना भी लाभ होता है? असल में यह सवाल कई वर्षों से काफी चर्चा में रहा है। कई अध्ययनों में सवाल उठाए जाते रहे हैं कि पैक्ड जूस की लाइफ को बढ़ाने के लिए उनमें कुछ प्रकार के प्रिजर्वेटिव और एडेड शुगर की मात्रा अधिक हो सकती है जिसके कई प्रकार से नुकसान बताए गए हैं। शोधकर्ता कहते हैं, जूस का लाभ लेना है तो ताजे फलों के जूस का ही सेवन सबसे बेहतर है।
अध्ययनकर्ता कहते हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है कि बच्चे और हम में से कुछ वयस्क फलों का जूस काफी पसंद करते हैं। हमें लगता है कि पैक्ड जूस शरीर को लाभ पहुंचाते हैं, पर वास्तव में हम इससे जितना लाभ सोचते हैं उतना मिलता नहीं है। इन जूस को लंबे समय तक चलाने के लिए कंपनियां कई तरह के रसायनों का इस्तेमाल कर रही हैं जिससे ये जूस आपके लिए फायदे से ज्यादा नुकसानदायक भी हो सकते हैं।
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100% रियल जूस भी रियल नहीं
- फोटो : Agency (File Photo)
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100% जूस के दावों पर भी सवाल
अध्ययनकर्ता कहते हैं, कई पैक्ड जूस को 100% रियल जूस का दावा करके बेचा जा रहा है। हालांकि रिपोर्ट्स कहती हैं ये इतने भी रियल नहीं होते हैं। इन जूस में अक्सर फ्लेवर, फूड कलरिंग या अन्य एडिटिव्स मिलाए जाते हैं।
एक अध्ययन में दावा किया गया कि कई जूस में तो आर्सेनिक और लेड जैसे तत्व भी होते हैं, जिनके कई गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। अध्ययन में 24 ऐसे ब्रांडों का परीक्षण किया गया। उनमें से कई में लेड का स्तर अधिक था। ये धातुएं बच्चों में न्यूरोडेवलपमेंटल समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
इसी को लेकर एफडीए ने एप्पल जूस में आर्सेनिक की मात्रा को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।
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जूस में आर्सेनिक और लेड की मिलावट
- फोटो : Pixabay
आर्सेनिक यौगिकों को लेकर सख्ती
आर्सेनिक, पर्यावरणीय प्रदूषक है, इससे होने वाले जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से यूएस फेडरल रेगुलेटर्स ने एप्पल जूस में कितना अकार्बनिक आर्सेनिक मौजूद हो सकता है, इस को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है। इसके अनुसार यह प्रति बिलियन का दसवां भाग हो सकता है। समय के साथ इसे और कम किया जा सकता है।
ऑर्गेनिक आर्सेनिक, मछली और शेलफिश में दिखाई देता है और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है, हालांकि अकार्बनिक आर्सेनिक मिट्टी, तलछट और भूजल में होता है।
सेब, नाशपाती और अंगूर स्वाभाविक तौर पर कुछ मात्रा में आर्सेनिक को अवशोषित कर लेते हैं जो प्राकृतिक रूप से मिट्टी में होता है या कीटनाशकों के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि यदि आप आर्सेनिक युक्त पानी से बने जूस को कंसंट्रेट से मिलाते हैं तो उनमें आर्सेनिक की मात्रा अधिक हो सकती है। शरीर के लिए इन तत्वों को नुकसानदायक पाया गया है।
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पैक्ड की जगह ताजे फलों का जूस पिएं
- फोटो : istock
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जूस के उपयोग को लेकर क्या कहते हैं शोधकर्ता?
शोधकर्ताओं का मानना है कि पैकेज्ड जूस की एक साल की शेल्फ लाइफ एक सकारात्मक चीज है। हालांकि अगर आपके पास उपलब्धता है तो ताजे फलों का ही जूस पीना चाहिए।
जूस जो पैक किए जाते हैं और जिनमें पेटुलिन होता है, संभवतः निम्न गुणवत्ता वाले फलों से बनाए गए हैं।
इस तह के संरक्षित तरल पदार्थ आमतौर स्वाद में अच्छे होते हैं और मीठा स्वाद देते है। हालांकि इसके लिए उनमें कृत्रिम स्वाद और एडेड शुगर मिलाया जाता है, ये दोनों ही हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
कुछ शोध बताते हैं कि डायबिटिक या फिर अधिक वजन के शिकार लोगों को पैक्ड जूस का सेवन नहीं करना चाहिए।
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