ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन जिस तरह से भारत के मध्यक्रम बल्लेबाजों ने बल्लेबाजी की, उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया के 407 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया एक समय पर हार के कगार पर थी और चेतेश्वर पुजारा के आउट होने के बाद मैच उसके हाथ से निकलता दिख रहा था। लेकिन तब बल्लेबाज हनुमा विहारी ने मांशपेशियों में खिंचाव के बावजूद टीम को संभाला और एक छोर पर टिके रहे।
विहारी ने हालांकि इस दौरान रन कम बनाए लेकिन अश्विन के साथ मिलकर उन्होंने टीम के लिए अटूट साझेदारी की और आखिरी वक्त तक मैदान में टिके रहे। उनकी इस पारी और अश्विन के साथ की गई साझेदारी की बदौलत भारतीय टीम मैच को ड्रॉ करवाने में सफल रही। विहारी ने चोट के बावजूद बल्लेबाजी की और 161 गेंदें खेलकर नाबाद 23 रन बनाए।
विहारी ने हालांकि इस दौरान रन कम बनाए लेकिन अश्विन के साथ मिलकर उन्होंने टीम के लिए अटूट साझेदारी की और आखिरी वक्त तक मैदान में टिके रहे। उनकी इस पारी और अश्विन के साथ की गई साझेदारी की बदौलत भारतीय टीम मैच को ड्रॉ करवाने में सफल रही। विहारी ने चोट के बावजूद बल्लेबाजी की और 161 गेंदें खेलकर नाबाद 23 रन बनाए।