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New Rules: कल से होने वाले हैं आयकर समेत कई जरूरी बदलाव, आपकी वित्तीय सेहत पर सीधा असर
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Fri, 31 Mar 2023 04:22 PM IST
नए वित्त वर्ष यानी 2023-24 की शुरुआत एक अप्रैल, 2023 से हो रही है। नए वित्त वर्ष में प्रवेश करने के साथ ही आयकर समेत कई बदलाव होंगे, जिनकी सूची लंबी है। इन बदलावों का सीधा असर आपकी-हमारी वित्तीय सेहत पर पड़ेगा। इसके अलावा, 2023-24 के आम बजट में कई नई घोषणाएं भी की गई हैं, जो एक अप्रैल से लागू होने जा रही हैं। वहीं, सोने की खरीदारी, म्यूचुअल फंड, रीट-इनविट, जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान संबंधी कई नियम भी बदल रहे हैं। आइए जानते हैं जरूरी बदलावों के बारे में...
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ITR
- फोटो : istock
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नई कर व्यवस्था : 7 लाख तक की कमाई पर अब छूट
अगर आप अगले वित्त वर्ष से आयकर रिटर्न भरने के लिए पुरानी या नई कर व्यवस्था में से किसी एक का चयन नहीं करते हैं तो नई व्यवस्था में डिफॉल्ट शामिल हो जाएंगे। 2023-24 के बजट में वित्त मंत्री ने इसे पेश किया था। नई कर व्यवस्था में छूट की सीमा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है। पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की कमाई कर मुक्त है। ध्यान देने वाली बात है कि पुरानी कर व्यवस्था की तरह नई में आपको कई प्रकार की छूट का लाभ नहीं मिलेगा। अगर आप नई कर व्यवस्था का चुनाव करते हैं तो 7.27 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 25,000 रुपये का कर देना होगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन: 50,000 रुपये का उठा सकते हैं लाभ
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन अब नई कर व्यवस्था का हिस्सा होगा। इसके लिए करदाता 50,000 रुपये तक का दावा कर सकता है, जबकि 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक की आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी को स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 52,500 रुपये का लाभ होता है। नए वित्त वर्ष से गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए लीव एनकैशमैंट की सीमा 25 लाख रुपये कर दी गई है। पहले यह तीन लाख ही थी। 2002 में इसे तीन लाख रुपये किया गया था।
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बचत योजना
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महिला सम्मान बचत योजना मिलेगा 7.50 फीसदी ब्याज
महिला सम्मान बचत योजना को पहली बार शुरू किया गया है। इसके तहत महिलाओं या युवतियों के नाम पर अधिकतम दो लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। इस पर 7.50 फीसदी की दर से तय ब्याज मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 2023-24 के बजट में पेश यह योजना केवल दो साल के लिए होगी। यानी महिला सम्मान बचत योजना मार्च, 2025 तक रहेगी। इस अवधि के दौरान दो लाख रुपये के निवेश पर कुल 30,000 रुपये का ब्याज मिलेगा। इसमें आंशिक निकासी की भी सुविधा दी गई है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना में दोगुना निवेश
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) और पोस्ट ऑफिस मासिक योजना (पीओएमआईएस) में निवेश दोगुना हो जाएगा। एससीएसएस में 15 लाख रुपये सालाना की सीमा अब 30 लाख रुपये हो जाएगी। यानी अगर कोई इसमें अधिकतम 15 लाख रुपये पहले निवेश करता था तो उसे 8 फीसदी ब्याज दर से 5 साल में 6 लाख रुपये का ब्याज मिलता था।
अधिकतम 30 लाख की निवेश सीमा पर 12 लाख रुपये का ब्याज मिलेगा
पोस्ट ऑफिस मासिक योजना में पहले व्यक्तिगत निवेश की सीमा 4.5 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर अब 9 लाख रुपये कर दिया गया है। संयुक्त खाते के लिए इस निवेश सीमा को 9 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया है।
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Online Gaming
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ऑनलाइन गेमिंग पर लगेगा 30 फीसदी टैक्स
ऑनलाइन गेमिंग से कितनी भी कमाई हो, अब 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा। पहले 10 हजार रुपये या इससे ज्यादा की कमाई पर ही टैक्स लगता था। इसके अलावा, आयकर रिटर्न दाखिल करते समय अब ऑनलाइन गेमिंग के जरिये मिलने वाली रकम की जानकारी भी देनी होगी।
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कल से अहम बदलाव
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डेट म्यूचुअल फंड: नहीं मिलेगा एलटीसीजी लाभ
एक अप्रैल से डेट म्युचुअल फंड में निवेश के नियम बदल जाएंगे। इसके तहत, अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (एलटीसीजी) की परिभाषा बदल गई है। नए नियम उन डेट म्यूचुअल फंड पर लागू होंगे, जिन्होंने शेयर बाजार में 35 फीसदी से कम निवेश कर रखा है। इसके तहत निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा। इस कारण निवेशकों को पहले से ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा।
रीट-इनविट में कर्ज भुगतान पर लगेगा टैक्स
नए नियम के तहत रीट और इनविट में कर्ज भुगतान किया जाता है तो इस पर टैक्स लगेगा। इसके तहत कंपनियां यूनिट धारकों को कर्ज पुनर्भुगतान के रूप में रकम देती हैं। रीट ऐसी योजना है जो निवेशकों से पैसा जुटाकर उसे रियल एस्टेट में निवेश करती है। इसी तरह से इनविट ऐसी योजना है जिसके तहत कंपनियां पैसा जुटाकर इन्फ्रा में निवेश करती हैं।
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