हाल ही में वैज्ञानिकों ने अब तक के सबसे गहरे भूंकप का पता लगाया है। ये भूकंप पृथ्वी की सतह से करीब 751 किलोमीटर गहराई पर दर्ज किया गया है। हैरानी की बात ये है कि वैज्ञानिक इसे अभी तक का सबसे गहरा भूकंप मान रहे हैं। सिर्फ यही नहीं, अभी तक तो ये माना जाता रहा है कि इस तरह का भूकंप का धरती पर पैदा होना संभव ही नहीं है।
ये भूकंप धरती के निचले मैंटल पर आया था। इसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान थे क्योंकि इस तरह के भूकंप बेहद ही दुर्लभ स्थिति में आते में आते हैं। भूकंप वैज्ञानिकों का मानना है कि अचानक ऊर्जा के निकलने के कारण पैदा हुए अत्यधिक दबाव की वजह से ऐसा हुआ होगा। लास वेगास की यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा में जियोमटेरियल्स की प्रोफेसर पामेला बर्नले का कहना है कि खनिज हमेशा वैसा बर्ताव नहीं करते जैसा हम उम्मीद करते हैं। पामेला बर्नले ने कहा कि इस भूकंप से पता चलता है कि पृथ्वी की गहराइयों की सीमाएं हमारी सामाझ से ज्यादा अजीब हैं। अब तक का सबसे गहरा भूकंप 400 किलोमीटर नीचे आया था। इससे भी गहरा भूकंप 670 किलोमीटर नीचे जापान में आया था।
ये भूकंप धरती के निचले मैंटल पर आया था। इसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान थे क्योंकि इस तरह के भूकंप बेहद ही दुर्लभ स्थिति में आते में आते हैं। भूकंप वैज्ञानिकों का मानना है कि अचानक ऊर्जा के निकलने के कारण पैदा हुए अत्यधिक दबाव की वजह से ऐसा हुआ होगा। लास वेगास की यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा में जियोमटेरियल्स की प्रोफेसर पामेला बर्नले का कहना है कि खनिज हमेशा वैसा बर्ताव नहीं करते जैसा हम उम्मीद करते हैं। पामेला बर्नले ने कहा कि इस भूकंप से पता चलता है कि पृथ्वी की गहराइयों की सीमाएं हमारी सामाझ से ज्यादा अजीब हैं। अब तक का सबसे गहरा भूकंप 400 किलोमीटर नीचे आया था। इससे भी गहरा भूकंप 670 किलोमीटर नीचे जापान में आया था।