मुजफ्फरनगर तितावी गांव की बेटी राखी लाटियान ने मुश्किल वक्त में हौसले से कामयाबी की नई इबारत लिख दी है। परिवार में भाई नहीं और सिर से पिता का साया भी उठ गया। ऐसे में पढ़ाई के साथ 25 बीघा जमीन पर खुद खेती कर बेटी मिसाल बन गई। घर में अकेली मां के लिए वह बेटे से बढ़कर है।
पानीपत-खटीमा हाईवे पर बसे तितावी गांव के खेतों में पुरुषों के साथ महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर खेती करती हैं। मगर, एक बेटी ऐसी भी है, जो अकेले दम पर अपने परिवार की देखभाल कर रही है और साथ में खेती भी कर रही है। एमए एजुकेशन और कंप्यूटर की पढ़ाई कर चुकी राखी लाटियान इन दिनों खेतों में ट्रैक्टर चलाते हुए नजर आती हैं। वह बाइक दौड़ाती हैं और खेतों की सिंचाई करती है। चीनी मिल पर ट्रैक्टर से गन्ना तौलने के लिए जाती है। बुग्गी खुद भरती है। फावड़ा भी चलाती है।
पानीपत-खटीमा हाईवे पर बसे तितावी गांव के खेतों में पुरुषों के साथ महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर खेती करती हैं। मगर, एक बेटी ऐसी भी है, जो अकेले दम पर अपने परिवार की देखभाल कर रही है और साथ में खेती भी कर रही है। एमए एजुकेशन और कंप्यूटर की पढ़ाई कर चुकी राखी लाटियान इन दिनों खेतों में ट्रैक्टर चलाते हुए नजर आती हैं। वह बाइक दौड़ाती हैं और खेतों की सिंचाई करती है। चीनी मिल पर ट्रैक्टर से गन्ना तौलने के लिए जाती है। बुग्गी खुद भरती है। फावड़ा भी चलाती है।