तापमान में गिरावट लगातार जारी है। जिले के पर्वतीय इलाकों में सोमवार को ताजा बर्फबारी हुई। इससे मौसम में अचानक तब्दीली आई और निचले मैदानी इलाकाें में भी न्यूनतम तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग ने कठुआ शहर सहित आसपास के इलाकों में अगले चौबीस घंटों में हलकी बारिश या बादल छाए रहने की संभावना जताई है।
जिले के पर्वतीय इलाके मंदी धार, सरथल, छत्तरगलां, कोटी चंडियार, जोडे़यां माता और नुकनाली माता इलाके में सोमवार को दिन में भी बर्फबारी हुई। दोपहर को बर्फबारी कुछ कमी आई, लेकिन देर शाम को फिर से बर्फ के फाहे गिरने लगे। इससे मौसम में तब्दीली आ गई। बनी सब डिवीजन के अधिकांश इलाकों में न्यूनतम तापमान पहले से ही शून्य को छू रहा है। ऐसे में ठंड के अहसास में बढ़ोतरी हो गई है।
बसोहली तहसील के सभी क्षेत्रों में घने कोहरे की मार रही। इस दौरान दृश्यता बेहद कम रही। इसका सबसे अधिक असर यातायात पर पड़ा। वाहनों की रफ्तार थम सी गई। दोपहर को कुछ ही देर के लिए हलकी धूप जरूर निकली, लेकिन कोहरे ने फिर घेर लिया। ठंड के कारण कसबे के बाजारों में चहल-पहल भी काफी कम रही।
महानपुर तहसील में कोहरे से जनजीवन पर खासा असर पड़ रहा है। इस क्षेत्र में पूरे दिन भर कोहरा छाया रहा। ठंड के बढ़ते प्रकोप से किसानों के लिए खेतों पर काम करना मुश्किल हो रहा है। वहीं वाहनों की आवाजाही में भी परेशानियों आ रही हैं।
इधर, कठुआ शहर और आसपास के इलाकों में भी रातें लगातार ठंडी होती जा रही हैं। पिछले तीन दिन से न्यूनतम तापमान रोजाना एक डिग्री नीचे जा रहा है। स्कॉस्ट जम्मू की कठुआ एग्रोमेट यूनिट के अनुसार सोमवार का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस, जबकि अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दिन को हलकी धूप जरूरी खिली, लेकिन कुछ ही समय में सूरज बादलों में छिप गया। वहीं शीतलहर भी खूब परेशान कर रही है।
उधर, बिलावर तहसील में भी पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाके में घने कोहरे के कारण ठंड का प्रकोप तेज हो गया है। शीत लहर से बचने के लिए लोग अलाव और अंगीठियों का सहारा ले रहे हैं। चोचरू गला, देरी गला, कम्लोह गला, छत्तर गला सहित आसपास के पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी हो रही है।
तहसील के मैदानी इलाके में बूंदाबांदी भी हो रही है। घना कोहरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे लोगों की दुश्वारियां काफी बढ़ गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक अच्छी बारिश नहीं होगी तब तक सूखी खांसी और कोहरे से निजात नहीं मिलने वाली है।
तापमान में गिरावट लगातार जारी है। जिले के पर्वतीय इलाकों में सोमवार को ताजा बर्फबारी हुई। इससे मौसम में अचानक तब्दीली आई और निचले मैदानी इलाकाें में भी न्यूनतम तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग ने कठुआ शहर सहित आसपास के इलाकों में अगले चौबीस घंटों में हलकी बारिश या बादल छाए रहने की संभावना जताई है।
जिले के पर्वतीय इलाके मंदी धार, सरथल, छत्तरगलां, कोटी चंडियार, जोडे़यां माता और नुकनाली माता इलाके में सोमवार को दिन में भी बर्फबारी हुई। दोपहर को बर्फबारी कुछ कमी आई, लेकिन देर शाम को फिर से बर्फ के फाहे गिरने लगे। इससे मौसम में तब्दीली आ गई। बनी सब डिवीजन के अधिकांश इलाकों में न्यूनतम तापमान पहले से ही शून्य को छू रहा है। ऐसे में ठंड के अहसास में बढ़ोतरी हो गई है।
बसोहली तहसील के सभी क्षेत्रों में घने कोहरे की मार रही। इस दौरान दृश्यता बेहद कम रही। इसका सबसे अधिक असर यातायात पर पड़ा। वाहनों की रफ्तार थम सी गई। दोपहर को कुछ ही देर के लिए हलकी धूप जरूर निकली, लेकिन कोहरे ने फिर घेर लिया। ठंड के कारण कसबे के बाजारों में चहल-पहल भी काफी कम रही।
महानपुर तहसील में कोहरे से जनजीवन पर खासा असर पड़ रहा है। इस क्षेत्र में पूरे दिन भर कोहरा छाया रहा। ठंड के बढ़ते प्रकोप से किसानों के लिए खेतों पर काम करना मुश्किल हो रहा है। वहीं वाहनों की आवाजाही में भी परेशानियों आ रही हैं।
इधर, कठुआ शहर और आसपास के इलाकों में भी रातें लगातार ठंडी होती जा रही हैं। पिछले तीन दिन से न्यूनतम तापमान रोजाना एक डिग्री नीचे जा रहा है। स्कॉस्ट जम्मू की कठुआ एग्रोमेट यूनिट के अनुसार सोमवार का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस, जबकि अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दिन को हलकी धूप जरूरी खिली, लेकिन कुछ ही समय में सूरज बादलों में छिप गया। वहीं शीतलहर भी खूब परेशान कर रही है।
उधर, बिलावर तहसील में भी पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाके में घने कोहरे के कारण ठंड का प्रकोप तेज हो गया है। शीत लहर से बचने के लिए लोग अलाव और अंगीठियों का सहारा ले रहे हैं। चोचरू गला, देरी गला, कम्लोह गला, छत्तर गला सहित आसपास के पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी हो रही है।
तहसील के मैदानी इलाके में बूंदाबांदी भी हो रही है। घना कोहरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे लोगों की दुश्वारियां काफी बढ़ गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक अच्छी बारिश नहीं होगी तब तक सूखी खांसी और कोहरे से निजात नहीं मिलने वाली है।