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7 लाख की GST छूट: थरूर की कोशिश और वित्त मंत्री की दरियादिली से बची बच्ची की जान, कांग्रेस नेता ने बताया वाकया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिव शरण शुक्ला Updated Wed, 29 Mar 2023 07:14 PM IST
सार

शशि थरूर ने कहा कि 'जब भी मुझे अपने जीवन का इतना अधिक समय राजनीति में बिताने के बारे में संदेह होता है, तो कुछ ऐसा होता है और जिससे यह सार्थक हो जाता है।'

Tharoor reveals FM granted GST exemption on life-saving injection for minor cancer patient on his request
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस नेता शशि थरूर। - फोटो : अमर उजाला

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लोकसभा से राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच संसद के अंदर और बाहर जुबानी जंग जारी है। इस बीच लोकसभा सांसद शशि थरूर ने बुधवार को प्रतिद्वंद्वी भाजपा नेता और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तारीफ की है। इस दौरान एक नेक काम के लिए अपने राजनीतिक मतभेदों को भूलकर मदद करने के एक दुर्लभ उदाहरण के बारे में भी उन्होंने बताया। 



शशि थरूर ने साझा किया पूरा वाकया
 कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बताया कि उनसे एक दंपति ने संपर्क किया था। उन्होंने अपनी बच्ची निहारिका के लिए मदद की गुहार लगाई थी। सांसद ने बताया कि बच्ची एक दुर्लभ कैंसर 'हाई-रिस्क न्यूरोब्लास्टोमा' (स्टेज IV) से पीड़ित थी। अपनी स्थिति के बारे में बताते हुए दंपति ने बताया था कि डॉक्टरों ने कहा था कि Dinutuximab Beta (Qarziba) इंजेक्शन ही उनकी बेटी की जान बचा सकता है। बच्ची के माता-पिता ने बताया था कि इस इंजेक्शन की प्रति शीशी की कीमत 10 लाख रुपये है और उसके इम्यूनोथेरेपी सेशल की कुल लागत लगभग 63 लाख रुपये आंकी गई थी। कांग्रेस सांसद ने आगे बताया कि बच्ची के माता-पिता ने किसी तरह इंजेक्शन के लिए जरूरी धन जुटा लिया था। बाद में दवा आयात करने के बाद उनसे जीएसटी के रूप में सात लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया। जिसे वे वहन नहीं कर सकते थे। ऐसे में बिना जीएसटी भुगतान के मुंबई हवाईअड्डे पर कस्टम विभाग ने  जीवन रक्षक इंजेक्शन को रोक रखा था। 


कांग्रेस नेता के मुताबिक, इसके बाद दंपति मदद के लिए उनके पास पहुंचे। सारी बात जानने के बाद उन्होंने 15 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर सारी बातों से अवगत कराते हुए 'मानवीय आधार' पर जीएसटी में छूट देने का अनुरोध किया था। हालांकि जब पत्र पर वित्त मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई और दंपति ने दोबारा उनसे संपर्क किया तो उन्होंने सीधे फोन करके वित्त मंत्री को स्थिति के बारे में बताया। थरूर ने कहा कि उन्होंने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से कहा कि बच्ची का जीवन अब आपके आदेश पर निर्भर करता है, क्योंकि अगर इंजेक्शन कस्टम के पास अटका रहा को जल्दी ही एक्सपायर हो जाएगा। इसके बाद आधे घंटे के भीतर ही वित्त मंत्री की निजी सचिव सरन्या भूटिया ने थरूर को फोन करके जानकारी दी कि उन्होंने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के साथ स्थिति पर चर्चा की है और 26 मार्च को शाम 7 बजे तक जीवन रक्षक इंजेक्शन जारी करने पर जीएसटी से छूट दी गई है। 
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