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Supreme Court: परीक्षा में फेल हुआ तो यूट्यूब पर मढ़ा दोष, मुआवजा मांगा, अब कोर्ट ने युवक पर ही ठोका जुर्माना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: संजीव कुमार झा Updated Fri, 09 Dec 2022 09:49 PM IST
सार

सुप्रीम कोर्ट में आज कई मामलों पर सुनवाई हुई। इनमें YouTube, शरजील इमाम और मुस्लिम महिलाओं की शादी की उम्र से जुड़ी याचिकाएं शामिल थीं। आइए आपको बताते हैं सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी आज की अहम खबरें...

Supreme Court
Supreme Court - फोटो : ANI

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट में  आज एक अजीबोगरीब याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें एक शख्स परीक्षा में फेल होने के लिए YouTube को दोषी ठहरा दिया और कंपनी से 75 लाख रुपये के मुआवजा की मांग कर दी। जज ने जैसे ही याचिका देखी वैसे ही उन्होंने इसे खारिज कर दी और कहा कि यह याचिका केवल समय बर्बाद करने के उद्देश्य से लगाई गई है। इतना ही नहीं जजों ने इस याचिका को अत्याचारी तक करार दिया और शख्स पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया।



युवक के तर्क से भड़के जज और लगा दी फटकार 
युवक ने याचिका में आरोप लगाया था कि YouTube पर अश्लील विज्ञापन आते हैं, जिस कारण उन्हें देखकर उसका ध्यान भटक गया और इसकी वजह से वह पढ़ाई में ध्यान नहीं दे सका। इसकी वजह से परीक्षा में वह फेल कर गया। युवक का तर्क सुनते ही जज भड़क गए और कहा कि आप हर्जाना चाहते हैं क्योंकि आपने इंटरनेट पर विज्ञापन देखे और आप कहते हैं कि इसके कारण आपका ध्यान भटक गया और आप परीक्षा पास नहीं कर सके? पीठ ने कहा कि यह (संविधान के) अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई सबसे अत्याचारी याचिकाओं में से एक है। इस तरह की याचिकाएं न्यायिक समय की बर्बादी हैं।


अगर आपको कोई विज्ञापन पसंद नहीं है, तो उसे न देखें: पीठ
पीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि वह एक परीक्षा की तैयारी कर रहा था और YouTube की सदस्यता ली, जहां उसने कथित यौन सामग्री वाले विज्ञापन देखे। पीठ ने कहा कि अगर आपको कोई विज्ञापन पसंद नहीं है, तो उसे न देखें।  पीठ ने कहा वह विज्ञापनों को क्यों देखना पसंद करते हैं, यह उनका विशेषाधिकार है। शुरुआत में खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। बाद में, हिंदी में बहस करने वाले याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से उसे माफ करने और लगाए गए जुर्माने को हटाने का आग्रह किया। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि वह बेरोजगार है। पीठ ने कहा कि वह सिर्फ प्रचार के लिए अदालत में आकर ऐसी याचिका दायर नहीं कर सकते। पीठ ने लागत को एक लाख रुपये से घटाते हुए कहा, इसे 25,000 रुपये कर दो।

शरजील इमाम
शरजील इमाम - फोटो : Social Media
दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम को सुप्रीम कोर्ट ने दिया भरोसा
दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम की अपील पर आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हुई। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने शरजील को भरोसा देते हुए कहा कि इस मामले के दूसरे आरोपी उमर खालिद के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी उसके केस पर असर नहीं डालेगी। बता दें कि शरजील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका की सुनवाई के समय जो टिप्पणी की थी उसके आधार पर अदालत उसके साथ पक्षपात न करे।

दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी से क्यों डरा शरजील इमाम?
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि शरजील इमाम यकीनन 'षड्यंत्र के मुखिया' था जिसके साथ उमर खालिद संपर्क में था। दोनों ने मिलकर साजिश रची। फरवरी 2020 में दोनों के बीच नार्थ ईस्ट दिल्ली में एक बैठक भी हुई थी। हाईकोर्ट की टिप्पणी के मुताबिक दिल्ली दंगों और सीएए प्रोटेस्ट के बीच एक कनेक्शन था।
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