सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि तिहाड़ जेल की सुरक्षा के संबंध में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार बीच तालमेल न पर होने पर नाराज़गी जगाई। शीर्ष अदालत ने कहा है कि एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपने से कुछ हासिल नही होगा। सनद रहे की जेल की सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट ने अमल करने के लिए निर्देश दे रखा है।
जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को आपस में तालमेल बिठाकर काम करना चाहिए। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृहमंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारी, दिल्ली के मुख्य सचिव एवं तिहाड़ जेल के महानिदेशक को एक सप्ताह के भीतर बैठक कर जेलों की सुरक्षा को सुधारने को लेकर अस्थाना के सुझावों पर अमल करने के लिए कहा है। पीठ ने इस बैठक में दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को बतौर अतिथि बुलाने के लिए भी कहा है।
पीठ ने कहा है कि बैठक के बाद तीन अधिकारियों द्वारा तैयार एक संयुक्त हलफनामा दाखिल किया जाए जिसमें लिए गए निर्णय, कार्यान्वयन की समयसीमा और उस संबंध में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी जाए। अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।
सनद रहे कि गत वर्ष अगस्त में यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों चंद्रा बंधुओं के तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान सुरक्षा खामियों के उजागर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस प्रमुख राजेश अस्थाना को इस पूरे प्रकरण की जांच करने और जेल की सुरक्षा मजबूत करने को लेकर सुझाव देने के लिए कहा था।
सुनवाई के दौरान गुरुवार को गृह मंत्रालय की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल(एएसजी) माधवी दीवान ने पीठ को बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट और उसमें दी गई सिफारिशों पर मंत्रालय ने विचार किया। उन्होंने बताया कि 30 नवंबर 2021 के पत्र के माध्यम से गृह मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पुलिस आयुक्त की सिफारिशों पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था। तीन दिसंबर को इस संबंध में एक बैठक भी हुई थी, जिसमें तमाम हितधारक उपस्थित थे।
पीठ ने नोट किया कि गृह मंत्रालय की ओर से हलफनामा दायर किया गया है निसमें अस्थाना की रिपोर्ट के अनुपालन को लेकर उठाए गए कदमों को निर्धारित करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि 16 जेलों में 7000 सी सी टीवी कैमरे लगाने की बात है। साह ही मोबाइल जैमर और फुल बॉडी एक्सरे स्कैनर लगाने की भी बात है। साथ ही इसमें ड्यूटी में फेरबदल की बात है।
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि तिहाड़ जेल की सुरक्षा के संबंध में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार बीच तालमेल न पर होने पर नाराज़गी जगाई। शीर्ष अदालत ने कहा है कि एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपने से कुछ हासिल नही होगा। सनद रहे की जेल की सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट ने अमल करने के लिए निर्देश दे रखा है।
जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को आपस में तालमेल बिठाकर काम करना चाहिए। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृहमंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारी, दिल्ली के मुख्य सचिव एवं तिहाड़ जेल के महानिदेशक को एक सप्ताह के भीतर बैठक कर जेलों की सुरक्षा को सुधारने को लेकर अस्थाना के सुझावों पर अमल करने के लिए कहा है। पीठ ने इस बैठक में दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को बतौर अतिथि बुलाने के लिए भी कहा है।
पीठ ने कहा है कि बैठक के बाद तीन अधिकारियों द्वारा तैयार एक संयुक्त हलफनामा दाखिल किया जाए जिसमें लिए गए निर्णय, कार्यान्वयन की समयसीमा और उस संबंध में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी जाए। अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।
सनद रहे कि गत वर्ष अगस्त में यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों चंद्रा बंधुओं के तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान सुरक्षा खामियों के उजागर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस प्रमुख राजेश अस्थाना को इस पूरे प्रकरण की जांच करने और जेल की सुरक्षा मजबूत करने को लेकर सुझाव देने के लिए कहा था।
सुनवाई के दौरान गुरुवार को गृह मंत्रालय की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल(एएसजी) माधवी दीवान ने पीठ को बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट और उसमें दी गई सिफारिशों पर मंत्रालय ने विचार किया। उन्होंने बताया कि 30 नवंबर 2021 के पत्र के माध्यम से गृह मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पुलिस आयुक्त की सिफारिशों पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था। तीन दिसंबर को इस संबंध में एक बैठक भी हुई थी, जिसमें तमाम हितधारक उपस्थित थे।
पीठ ने नोट किया कि गृह मंत्रालय की ओर से हलफनामा दायर किया गया है निसमें अस्थाना की रिपोर्ट के अनुपालन को लेकर उठाए गए कदमों को निर्धारित करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि 16 जेलों में 7000 सी सी टीवी कैमरे लगाने की बात है। साह ही मोबाइल जैमर और फुल बॉडी एक्सरे स्कैनर लगाने की भी बात है। साथ ही इसमें ड्यूटी में फेरबदल की बात है।