बीस साल पहले फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान जब सलमान खान काले हिरण का शिकार करने गए थे, तो उन्होंने यह सपनों में भी नहीं सोचा होगा कि इसके सींग उन्हें सालों-साल चुभते रहेंगे। जोधपुर सेंट्रल जेल में दो दिन सजा काटने के बाद सलमान मुंबई पहुंच चुके हैं। उनके जेल जाने और छूटने के बीच कई सवाल हैं, जिन्होंने लोगों को झकझोर दिया है। सागरराम बिश्नोई उन पहले लोगों में थे जिन्होंने दो मरे हुए काले हिरणों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था।
1998 में वनरक्षक रहे सागरराम बिश्नोई 28 मार्च, 2018 को राजस्थान वन सेवा के वन्य-जीव विभाग से बतौर अस्सिटेंट सब-इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए हैं, सरकारी नौकरी में रहते हुए उन्होंने मीडिया से बात नहीं की थी। पिछले दिनों उस रात और पिछले 20 सालों में केस में आए उतार चढ़ाव और कई सवालों के साथ बीबीसी हिंदी के संवाददाता ने काला हिरण मामले में विटनेस नंबर दो से बातचीत की।
उस रात सलमान जब काले हिरण के शिकार को अपने साथियों सैफ, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे के साथ निकले थे तो किसने उन्हें देखा था। काले हिरणों के शिकार के मामले में कुल पांच सरकारी गवाह हैं और सागरराम बिश्नोई विटनेस नंबर-2 हैं।
उनके मुताबिक तीन चश्मदीदों ने सलमान खान और उनके सहयोगी फिल्मी सितारों को काले हिरण का शिकार करते देखा था। 2 अक्तूबर, 1998 को वे वन्य जीव चौकी के सहायक वनपाल भंवर लाल बिश्नोई के पास इसकी शिकायत दर्ज कराने गए थे। तब एक वनरक्षक या फॉरेस्ट गार्ड रहे सागरराम बिश्नोई मौके पर पहुंचे और उन्होंने उन दो मरे हुए काले हिरणों को ले जाकर ऑफिस में पेश किया।
जब ये तय किया गया कि काले हिरणों का पोस्टमार्टम जरूरी है तब ये डॉक्टर नेपालिया के यहां पहुंचाए गए। सागरराम बिश्नोई ने बताया, "मुझे याद है उस दिन फॉरेंसिक जांच करने वाले डॉक्टर नेपालिया की छुट्टी थी। हमारे विभाग के पोस्टमार्टम करने वाले व्यक्ति की मदद से उन्होंने हिरणों को परखा और कहा कि एक-दो दिन में रिपोर्ट दे देंगे। लेकिन रिपोर्ट कई दिनों तक नहीं आई और जब आई तो उसमे इन मौतों की वजह प्राकृतिक और अत्याधिक-भोजन बताई गई, ये बात हमारे गले नहीं उतरी"।
हाल ही में जिस ट्रायल कोर्ट ने सलमान खान को काले हिरणों के शिकार का दोषी पाया है, उसने अपने आदेश में इस बात का जिक्र किया है कि कैसे डॉक्टर नेपालिया की जांच के बाद दोबारा फॉरेंसिक जांच कराई गई, राजस्थान वन विभाग ने डॉक्टर नेपालिया के खिलाफ गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगाकर एफआईआर भी दर्ज कराई थी।
सागरराम बिश्नोई बताते हैं, "साफ दिख रहा था कि हिरणों को मौत गोली लगने से हुई है"। उन्होंने ये भी बताया कि अक्तूबर, 1998 में जब दूसरी फॉरेंसिक रिपोर्ट ने ये कहा कि काले हिरणों के मौत गोली लगने से हुई थी तब इन फिल्मी सितारों को गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि अदालत के आदेश में इस बात का जिक्र साफ है कि "सलमान खान ने हिरणों का शिकार बन्दूक से किया है"। सागरराम बिश्नोई ने आगे बताया, "हम लोग इन पांचों को मौका-ए-वारदात पर ले गए थे और उस रात सलमान, सैफ, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे को गुड़ा में हमारे वन विभाग की चौकी में रखा गया। मैं वहीं मौजूद था लेकिन भीतर सिर्फ जिले के बड़े अफसर ही मौजूद थे। गुड़ा वन विभाग के भीतर करीब 32 गाँव आते हैं जिसमें कांकाणी भी शामिल है जहाँ हिरणों को मारा गया था।"।
मैंने सागरराम बिश्नोई से पूछा, "सलमान और दूसरों के खिलाफ 20 साल ये मामला बिश्नोई समाज ही लड़ रहा है। आप 'विटनेस नंबर- 2' वाले सरकारी गवाह हैं, आप खुद भी बिश्नोई हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप भी बिश्नोई हैं?"।
सागरराम ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "अरे, इस सवाल का जवाब तो मैं अदालत में भी दे चुका हूँ। सुनवाई के दौरान सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने भी कहा कि सरकारी गवाहों में ज्यादातर तो बिश्नोई ही हैं। मैंने जवाब दिया, बिश्नोइयों के इलाके में वन संरक्षण और सरकारी नौकरियों में बिश्नोई नहीं मिलेंगे तो और कौन मिलेगा?"।
सागरराम बिश्नोई ने चलने से पहले अपने घर की चौखट पर खड़े होकर कहा, "उन दिनों मेरी ड्यूटी वन्य-जीव फ्लाईंग स्क्वॉड में हुआ करती थी। कई जगहों पर जाकर मैंने लोगों से बात की थी। इसमें कोई दो राय नहीं थी कि इन लोगों ने घूम-घूम कर शिकार किया था"।
राजस्थान में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के खिलाफ जानवरों की हत्या करने के चार मामले दर्ज हुए थे जिनमें से तीन में उन्हें बरी कर दिया गया है। ट्रायल कोर्ट से पांच साल की सजा मिलने के बाद सलमान को दो दिन जेल में रहना पड़ा और उसके बाद उन्हें सेशंस कोर्ट से जमानत मिल गई है।
मामले की अगली सुनवाई मई के पहले हफ्ते में फिर से शुरू होनी है। सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को दो काले हिरणों के शिकार मामले में अदलात ने दोषमुक्त करार दिया है।
बीस साल पहले फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान जब सलमान खान काले हिरण का शिकार करने गए थे, तो उन्होंने यह सपनों में भी नहीं सोचा होगा कि इसके सींग उन्हें सालों-साल चुभते रहेंगे। जोधपुर सेंट्रल जेल में दो दिन सजा काटने के बाद सलमान मुंबई पहुंच चुके हैं। उनके जेल जाने और छूटने के बीच कई सवाल हैं, जिन्होंने लोगों को झकझोर दिया है। सागरराम बिश्नोई उन पहले लोगों में थे जिन्होंने दो मरे हुए काले हिरणों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था।
1998 में वनरक्षक रहे सागरराम बिश्नोई 28 मार्च, 2018 को राजस्थान वन सेवा के वन्य-जीव विभाग से बतौर अस्सिटेंट सब-इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए हैं, सरकारी नौकरी में रहते हुए उन्होंने मीडिया से बात नहीं की थी। पिछले दिनों उस रात और पिछले 20 सालों में केस में आए उतार चढ़ाव और कई सवालों के साथ बीबीसी हिंदी के संवाददाता ने काला हिरण मामले में विटनेस नंबर दो से बातचीत की।
उस रात सलमान जब काले हिरण के शिकार को अपने साथियों सैफ, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे के साथ निकले थे तो किसने उन्हें देखा था। काले हिरणों के शिकार के मामले में कुल पांच सरकारी गवाह हैं और सागरराम बिश्नोई विटनेस नंबर-2 हैं।
उनके मुताबिक तीन चश्मदीदों ने सलमान खान और उनके सहयोगी फिल्मी सितारों को काले हिरण का शिकार करते देखा था। 2 अक्तूबर, 1998 को वे वन्य जीव चौकी के सहायक वनपाल भंवर लाल बिश्नोई के पास इसकी शिकायत दर्ज कराने गए थे। तब एक वनरक्षक या फॉरेस्ट गार्ड रहे सागरराम बिश्नोई मौके पर पहुंचे और उन्होंने उन दो मरे हुए काले हिरणों को ले जाकर ऑफिस में पेश किया।
सलमान खान को काले हिरणों के शिकार का दोषी पाया है
जब ये तय किया गया कि काले हिरणों का पोस्टमार्टम जरूरी है तब ये डॉक्टर नेपालिया के यहां पहुंचाए गए। सागरराम बिश्नोई ने बताया, "मुझे याद है उस दिन फॉरेंसिक जांच करने वाले डॉक्टर नेपालिया की छुट्टी थी। हमारे विभाग के पोस्टमार्टम करने वाले व्यक्ति की मदद से उन्होंने हिरणों को परखा और कहा कि एक-दो दिन में रिपोर्ट दे देंगे। लेकिन रिपोर्ट कई दिनों तक नहीं आई और जब आई तो उसमे इन मौतों की वजह प्राकृतिक और अत्याधिक-भोजन बताई गई, ये बात हमारे गले नहीं उतरी"।
हाल ही में जिस ट्रायल कोर्ट ने सलमान खान को काले हिरणों के शिकार का दोषी पाया है, उसने अपने आदेश में इस बात का जिक्र किया है कि कैसे डॉक्टर नेपालिया की जांच के बाद दोबारा फॉरेंसिक जांच कराई गई, राजस्थान वन विभाग ने डॉक्टर नेपालिया के खिलाफ गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगाकर एफआईआर भी दर्ज कराई थी।
सागरराम बिश्नोई बताते हैं, "साफ दिख रहा था कि हिरणों को मौत गोली लगने से हुई है"। उन्होंने ये भी बताया कि अक्तूबर, 1998 में जब दूसरी फॉरेंसिक रिपोर्ट ने ये कहा कि काले हिरणों के मौत गोली लगने से हुई थी तब इन फिल्मी सितारों को गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि अदालत के आदेश में इस बात का जिक्र साफ है कि "सलमान खान ने हिरणों का शिकार बन्दूक से किया है"। सागरराम बिश्नोई ने आगे बताया, "हम लोग इन पांचों को मौका-ए-वारदात पर ले गए थे और उस रात सलमान, सैफ, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे को गुड़ा में हमारे वन विभाग की चौकी में रखा गया। मैं वहीं मौजूद था लेकिन भीतर सिर्फ जिले के बड़े अफसर ही मौजूद थे। गुड़ा वन विभाग के भीतर करीब 32 गाँव आते हैं जिसमें कांकाणी भी शामिल है जहाँ हिरणों को मारा गया था।"।
20 साल से बिश्नोई समाज लड़ रहा है
मैंने सागरराम बिश्नोई से पूछा, "सलमान और दूसरों के खिलाफ 20 साल ये मामला बिश्नोई समाज ही लड़ रहा है। आप 'विटनेस नंबर- 2' वाले सरकारी गवाह हैं, आप खुद भी बिश्नोई हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप भी बिश्नोई हैं?"।
सागरराम ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "अरे, इस सवाल का जवाब तो मैं अदालत में भी दे चुका हूँ। सुनवाई के दौरान सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने भी कहा कि सरकारी गवाहों में ज्यादातर तो बिश्नोई ही हैं। मैंने जवाब दिया, बिश्नोइयों के इलाके में वन संरक्षण और सरकारी नौकरियों में बिश्नोई नहीं मिलेंगे तो और कौन मिलेगा?"।
सागरराम बिश्नोई ने चलने से पहले अपने घर की चौखट पर खड़े होकर कहा, "उन दिनों मेरी ड्यूटी वन्य-जीव फ्लाईंग स्क्वॉड में हुआ करती थी। कई जगहों पर जाकर मैंने लोगों से बात की थी। इसमें कोई दो राय नहीं थी कि इन लोगों ने घूम-घूम कर शिकार किया था"।
राजस्थान में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के खिलाफ जानवरों की हत्या करने के चार मामले दर्ज हुए थे जिनमें से तीन में उन्हें बरी कर दिया गया है। ट्रायल कोर्ट से पांच साल की सजा मिलने के बाद सलमान को दो दिन जेल में रहना पड़ा और उसके बाद उन्हें सेशंस कोर्ट से जमानत मिल गई है।
मामले की अगली सुनवाई मई के पहले हफ्ते में फिर से शुरू होनी है। सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को दो काले हिरणों के शिकार मामले में अदलात ने दोषमुक्त करार दिया है।