न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 23 Oct 2020 07:31 AM IST
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कोरोना वायरस महामारी को दुनिया भर में लगभग एक साल पूरा हो गया है, लेकिन अभी तक इसका कारगर इलाज नहीं मिल पाया है। दुनियाभर में दर्जनों भर कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है, लेकिन कारगर वैक्सीन लोगों तक कब तक पहुंच पाएगी कहना मुश्किल है।
वहीं भारत ने रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन का परीक्षण करने की अनुमति दे दी थी। अब कोरोना के खिलाफ रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन का परीक्षण भारत में 100 स्वयंसेवकों पर किया जाएगा। भारतीय औषधि महा नियंत्रक (डीजीसीआई) ने यह जानकारी दी।
डीजीसीआई ने परीक्षण करने के लिए फार्मास्युटिकल कंपनी डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को अनुमति दी है। हालांकि, परीक्षण की तारीख और समय कंपनी द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
स्पुतनिक ने संगठन के हवाले से कहा कि टीका लगने के तीसरे चरण में पहुंचने से पहले दो क्लीनीकल ट्रायल किए जाएंगे। वहीं पिछले हफ्ते डीजीसीआई की विशेषज्ञ समिति ने दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को अनुमति देने की सिफारिश की थी।
सरकारी अधिकारी के अनुसार डॉ. रेड्डी लैब ने कहा है कि दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के 100 स्वयंसेवकों को शामिल किया जा सकता है वहीं तीसरे फेज के ट्रायल के लिए यह संख्या 1400 हो सकती है।
फिर फार्मा कंपनी दूसरे चरण की सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी डेटा प्रस्तुत करेगी, इसका विश्लेषण विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा और वे तीसरे महत्वपूर्ण चरण के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
आपको बता दें, भारत की डॉ. रेड्डीज लैब ने स्पुतनिक वी वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों के साथ-साथ उसके वितरण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के साथ साझेदारी की है।
कोरोना वायरस महामारी को दुनिया भर में लगभग एक साल पूरा हो गया है, लेकिन अभी तक इसका कारगर इलाज नहीं मिल पाया है। दुनियाभर में दर्जनों भर कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है, लेकिन कारगर वैक्सीन लोगों तक कब तक पहुंच पाएगी कहना मुश्किल है।
वहीं भारत ने रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन का परीक्षण करने की अनुमति दे दी थी। अब कोरोना के खिलाफ रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन का परीक्षण भारत में 100 स्वयंसेवकों पर किया जाएगा। भारतीय औषधि महा नियंत्रक (डीजीसीआई) ने यह जानकारी दी।
डीजीसीआई ने परीक्षण करने के लिए फार्मास्युटिकल कंपनी डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को अनुमति दी है। हालांकि, परीक्षण की तारीख और समय कंपनी द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
स्पुतनिक ने संगठन के हवाले से कहा कि टीका लगने के तीसरे चरण में पहुंचने से पहले दो क्लीनीकल ट्रायल किए जाएंगे। वहीं पिछले हफ्ते डीजीसीआई की विशेषज्ञ समिति ने दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को अनुमति देने की सिफारिश की थी।
सरकारी अधिकारी के अनुसार डॉ. रेड्डी लैब ने कहा है कि दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के 100 स्वयंसेवकों को शामिल किया जा सकता है वहीं तीसरे फेज के ट्रायल के लिए यह संख्या 1400 हो सकती है।
फिर फार्मा कंपनी दूसरे चरण की सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी डेटा प्रस्तुत करेगी, इसका विश्लेषण विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा और वे तीसरे महत्वपूर्ण चरण के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
आपको बता दें, भारत की डॉ. रेड्डीज लैब ने स्पुतनिक वी वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों के साथ-साथ उसके वितरण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के साथ साझेदारी की है।