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विस्तार
राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को लेकर चल रही कवायद हर दिन उलझती हुई नजर आ रही है। अशोक गहलोत की जगह मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट का नाम आते ही गहलोत के करीबी विधायकों ने बगावती रुख अपना लिया है। कांग्रेस हाईकमान का संदेश लेकर जयपुर गए पर्यवेक्षक अजय माकन ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया है। वहीं गहलोत खेमे से फ्रंटफुट पर खड़े नेता पायलट के मुख्यमंत्री बनने की राह में ही रोड़ा बन रहे हैं। जबकि कांग्रेस आलाकमान द्वारा जयपुर भेजे गए पर्यवेक्षकों को भी सीधे चुनौती देते दिखाई दे रहे हैं। इस मामले में राज्य सरकार के मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने पूरे मामले के लिए माकन को जिम्मेदार ठहराया है।
राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को लेकर चल रही कवायद हर दिन उलझती हुई नजर आ रही है। अशोक गहलोत की जगह मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट का नाम आते ही गहलोत के करीबी विधायकों ने बगावती रुख अपना लिया है। कांग्रेस हाईकमान का संदेश लेकर जयपुर गए पर्यवेक्षक अजय माकन ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया है। वहीं गहलोत खेमे से फ्रंटफुट पर खड़े नेता पायलट के मुख्यमंत्री बनने की राह में ही रोड़ा बन रहे हैं। जबकि कांग्रेस आलाकमान द्वारा जयपुर भेजे गए पर्यवेक्षकों को भी सीधे चुनौती देते दिखाई दे रहे हैं। इस मामले में राज्य सरकार के मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने पूरे मामले के लिए माकन को जिम्मेदार ठहराया है।
पार्टी आलाकमान को चुनौती देने वालों में शांति कुमार धारीवाल का नाम चर्चा में है। धारीवाल कांग्रेस के दिग्गज नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक माने जाते हैं। धारीवाल की सियासी अहमियत का पता इस बात से चलता है कि गहलोत ने अपनी तीनों ही सरकार में उन्हें जगह दी और मंत्रिमंडल में नंबर दो की हैसियत में रखा। साल 2020 में सचिन पायलट गुट की बगावत के समय भी शांति कुमार धारीवाल गहलोत के लिए संकटमोचक साबित हुए थे। राजस्थान के ताजा घटनाक्रम पर अमर उजाला डिजिटल ने शांति कुमार धारीवाल से विस्तार से चर्चा की।
सवालः राजस्थान के नए मुख्यमंत्री चयन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकाअर्जुन खड़गे की विधायकों के साथ बैठक करने से पहले आपने सरकारी आवास पर बैठक क्यों की? क्या आपने ने ही सभी विधायकों को फोन कर अपने घर बुलाया था?
जवाब: देखिए...मेरे पास संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी भी है। इसी लिहाज से सभी पार्टी विधायक अपनी निजी राय रखने मेरे निवास आए थे। अब पर्यवेक्षकों से मिलने के पहले सभी विधायक घर आ गए तो मैं क्या करुं। सभी विधायक ने घर आने से पहले ये बोला कि धारीवाल साहब हम आपके घर आ रहे है। कुछ बातें हमारी भी सुनी जाएं।
सवालः आपके निवास पर विधायकों की कितनी देर बैठक हुई? वे क्या बोल रहे थे?
जवाबः घर पर कोई बैठक नहीं थी। सभी विधायक फोन कर घर आ रहे थे। मैंने करीब तीन घंटे तक एक-एक विधायक की बातें सुनीं। सभी विधायकों ने अपना रोष व्यक्त किया। सभी चाहते थे कि, सीएम किसी को बनाना है तो 102 विधायक में से किसी को भी बनाओ। इनमें से जिसे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया कहेंगी वही सीएम बनेगा। उनका हुक्म बहाल रहेगा। कोई नेता सोनिया जी के हुक्म को चैलेंज नहीं कर सकता। लेकिन गद्दारी करने वाले को पुरस्कार मिले, यह राजस्थान के विधायक कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
सवालः आप सभी लोग विधायक दल की बैठक में नहीं जाकर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के निवास क्यों पहुंच गए।
जवाबः देखिए...सभी विधायक जब मेरे घर जुटे तो उन्होंने खुद होकर ये फैसला लिया कि अगर दिल्ली के पर्यवेक्षक हमारी बात नहीं सुनेंगे तो हम क्या करेंगे। फिर इस्तीफा ही दें देंगे।
सवालः तो इस तरह से सामूहिक इस्तीफे का फैसला आखिर क्यों?
जवाबः सभी विधायकों का कहना है कि उन लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा, जिन लोगों ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा था, और सरकार को गिराने की कोशिश की।