डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, मुंबई
Updated Wed, 13 Jan 2021 11:13 PM IST
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महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर रखने का मामले में कांग्रेस के कड़े विरोध का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर कोई असर नहीं पड़ा है। मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर लिखने के बाद बुधवार को मराठवाड़ा के उस्मानाबाद जिले का धाराशिव के रूप में उल्लेख किया गया है।
दरअसल, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में उस्मानाबाद जिले में मेडिकल कालेज बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसको लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उस्मानाबाद को धाराशिव लिखकर ट्वीट किया गया। हालांकि कांग्रेस पहले से ही शहरों का नाम बदलने का विरोध कर रही है।
लेकिन मुख्यमंत्री ठाकरे का यह ट्वीट साफ बताता है कि वह औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिले का नाम बदलने के अपने रुख पर कायम हैं।
इससे पहले हुए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद औरंगाबाद को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से संभाजीनगर के रूप में ट्वीट किया गया था। उसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया था। उन्होंने कहा था कि शहर का नाम बदलने से विकास नहीं होता। कांग्रेस इस नामकरण के खिलाफ है।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि औरंगजेब कोई सेकुलर नहीं था। दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे लंबे समय से उस्मानाबाद को संभाजीनगर कहते थे। अब औरंगाबाद के बाद उस्मानाबाद के नामांतरण को लेकर एक बार फिर महाविकास आघाड़ी सरकार में विवाद बढ़ने की संभावना है।
महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर रखने का मामले में कांग्रेस के कड़े विरोध का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर कोई असर नहीं पड़ा है। मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर लिखने के बाद बुधवार को मराठवाड़ा के उस्मानाबाद जिले का धाराशिव के रूप में उल्लेख किया गया है।
दरअसल, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में उस्मानाबाद जिले में मेडिकल कालेज बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसको लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उस्मानाबाद को धाराशिव लिखकर ट्वीट किया गया। हालांकि कांग्रेस पहले से ही शहरों का नाम बदलने का विरोध कर रही है।
लेकिन मुख्यमंत्री ठाकरे का यह ट्वीट साफ बताता है कि वह औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिले का नाम बदलने के अपने रुख पर कायम हैं।
इससे पहले हुए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद औरंगाबाद को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से संभाजीनगर के रूप में ट्वीट किया गया था। उसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया था। उन्होंने कहा था कि शहर का नाम बदलने से विकास नहीं होता। कांग्रेस इस नामकरण के खिलाफ है।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि औरंगजेब कोई सेकुलर नहीं था। दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे लंबे समय से उस्मानाबाद को संभाजीनगर कहते थे। अब औरंगाबाद के बाद उस्मानाबाद के नामांतरण को लेकर एक बार फिर महाविकास आघाड़ी सरकार में विवाद बढ़ने की संभावना है।