छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पीएम मोदी ने आंबेडकर जयंती के मौके पर आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह छत्तीसगढ़ के वीरों को नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने दलितों के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उनकी योजनाओं से देश को प्रगति मिली।
पीएम मोदी ने कहा कि वह बीजापुर के लोगों में विश्वास जगाने आये हैं। 14 अप्रैल का आज का दिन देश के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज भारत रत्न बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जन्म जयंती है। आज के दिन आप सभी के बीच आकर आशीर्वाद लेने का अवसर मिलना, मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है।
उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में पीछे छूट गए और पीछे छोड़ दिए गए समुदायों में आज जो चेतना जागी है, वो चेतना बाबा साहब की ही देन है। एक गरीब मां का बेटा, पिछड़े समाज से आने वाला आपका ये भाई अगर आज देश का प्रधानमंत्री है, तो ये भी बाबा साहेब की ही देन है।
पीएम ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद, इतने वर्षों में भी ये जिले पिछड़े बने रहे, इसमें उनकी कोई गलती नहीं। बाबा साहेब के संविधान ने इतने अवसर दिए, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, लेकिन फिर भी बीजापुर जैसे जिले, विकास की दौड़ में पीछे क्यों छूट गए?
क्या इन जिलों में रहने वाली माताओं को ये अधिकार नहीं था, कि उनके बच्चे भी स्वस्थ हों, उनमें खून की कमी न हो, उनकी ऊँचाई ठीक से बढ़े? क्या इन जिलों के लोगों ने देश से ये आशा नहीं रखी थी उन्हें भी विकास में साझीदार बनाया जाए?
पीएम ने कहा कि मैं आज इसलिए आया हूं, ताकि आपको बता सकूं, कि जिनके नाम के साथ पिछड़ा जिला होने का लेबल लगा दिया गया है, उनमें अब नए सिरे से, नई सोच के साथ बड़े पैमाने पर काम होने जा रहा है। मैं इन 115 आकांक्षात्मक जिले को सिर्फ आकांक्षी नहीं, महत्वाकांक्षी जिले कहना चाहता हूं।
तीन महीने का हमारा अनुभव कहता है कि अगर जिले के सभी लोग, जिले का प्रशासन, जिले के जन प्रतिनिधि, हर गली-मोहल्ला,गांव, इस अभियान में साथ आ जाए, एक जनआंदोलन की तरह हम सब इसमें योगदान करें, तो वो काम हो सकता है, जो पिछले 70 वर्षों में नहीं हुआ।
पीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के पहले चरण को शुरू किया गया है जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों में बड़े बदलाव लाने का प्रयास किया जाएगा। देश की हर बड़ी पंचायत में, लगभग डेढ़ लाख जगहों पर सब सेंटर और प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।
देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख का मेडिकल बीमा उपलब्ध कराने वाली महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में योजना को मिशन मोड पर चलाने और निगरानी के लिए आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन एजेंसी के गठन का भी फैसला लिया गया था। योजना के तहत अगले दो साल में 10,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना भी समाहित होगी। योजना के तहत केंद्र सरकार कुल खर्च का 60 फीसदी तो राज्य सरकारें 40 फीसदी रकम खर्च करेंगी। इसका लाभ देश के 50 करोड़ लोगों को मिलेगा।
ये आएंगे दायरे में
एसपीसीसी डाटा बेस पर आधारित गरीब और कमजोर तबके लोग शामिल किए जाएंगे। कोई छूटे नहीं, इसके लिए परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं होगी। कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ एक कमरा वाले, वे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई वयस्क सदस्य नहीं हो, ऐसे परिवार जिसमें दिव्यांग सदस्य हों और कोई शारीरिक रूप से सक्षम वयस्क सदस्य नहीं हो, अजा/जजा परिवार, मानवीय आकस्मिक मजदूरी से आय का बड़ा हिस्सा कमाने वाले भूमिहीन परिवार, ग्रामीण क्षेत्रों में बिना छत के रहने वाले, निराश्रित, खैरात पर जीवन यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, कानूनी रूप से मुक्त किए गए बंधुआ मजदूर।
ये होंगे फायदे
बीमा पॉलिसी के पहले दिन से मौजूद सभी शर्तों को कवर किया जाएगा। लाभार्थी को हर बार अस्पताल में दाखिल होने पर परिवहन भत्ते का भुगतान किया जाएगा। पैनल में शामिल देशभर के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल से कैशलेस लाभ की अनुमति होगी।
ऐसे होगा भुगतान
लागत को नियंत्रित करने के लिए पैकेज दर (सरकार द्वारा अग्रिम रूप में परिभाषित) के आधार पर इलाज के लिए भुगतान किया जाएगा। पैकेज दर में इलाज से संबंधित सभी लागत शामिल होगी। लाभार्थियों के लिए यह कैशलेस, पेपरलेस लेनदेन होगा। राज्य विशेष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्यों के पास इन दरों में सीमित रूप से संशोधन का लचीलापन होगा।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पीएम मोदी ने आंबेडकर जयंती के मौके पर आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह छत्तीसगढ़ के वीरों को नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने दलितों के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उनकी योजनाओं से देश को प्रगति मिली।
पीएम मोदी ने कहा कि वह बीजापुर के लोगों में विश्वास जगाने आये हैं। 14 अप्रैल का आज का दिन देश के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज भारत रत्न बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जन्म जयंती है। आज के दिन आप सभी के बीच आकर आशीर्वाद लेने का अवसर मिलना, मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है।
उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में पीछे छूट गए और पीछे छोड़ दिए गए समुदायों में आज जो चेतना जागी है, वो चेतना बाबा साहब की ही देन है। एक गरीब मां का बेटा, पिछड़े समाज से आने वाला आपका ये भाई अगर आज देश का प्रधानमंत्री है, तो ये भी बाबा साहेब की ही देन है।
पीएम ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद, इतने वर्षों में भी ये जिले पिछड़े बने रहे, इसमें उनकी कोई गलती नहीं। बाबा साहेब के संविधान ने इतने अवसर दिए, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, लेकिन फिर भी बीजापुर जैसे जिले, विकास की दौड़ में पीछे क्यों छूट गए?
क्या इन जिलों में रहने वाली माताओं को ये अधिकार नहीं था, कि उनके बच्चे भी स्वस्थ हों, उनमें खून की कमी न हो, उनकी ऊँचाई ठीक से बढ़े? क्या इन जिलों के लोगों ने देश से ये आशा नहीं रखी थी उन्हें भी विकास में साझीदार बनाया जाए?
पीएम ने कहा कि मैं आज इसलिए आया हूं, ताकि आपको बता सकूं, कि जिनके नाम के साथ पिछड़ा जिला होने का लेबल लगा दिया गया है, उनमें अब नए सिरे से, नई सोच के साथ बड़े पैमाने पर काम होने जा रहा है। मैं इन 115 आकांक्षात्मक जिले को सिर्फ आकांक्षी नहीं, महत्वाकांक्षी जिले कहना चाहता हूं।
तीन महीने का हमारा अनुभव कहता है कि अगर जिले के सभी लोग, जिले का प्रशासन, जिले के जन प्रतिनिधि, हर गली-मोहल्ला,गांव, इस अभियान में साथ आ जाए, एक जनआंदोलन की तरह हम सब इसमें योगदान करें, तो वो काम हो सकता है, जो पिछले 70 वर्षों में नहीं हुआ।
पीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के पहले चरण को शुरू किया गया है जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों में बड़े बदलाव लाने का प्रयास किया जाएगा। देश की हर बड़ी पंचायत में, लगभग डेढ़ लाख जगहों पर सब सेंटर और प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।
आखिर क्या है आयुष्मान भारत योजना
देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख का मेडिकल बीमा उपलब्ध कराने वाली महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में योजना को मिशन मोड पर चलाने और निगरानी के लिए आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन एजेंसी के गठन का भी फैसला लिया गया था। योजना के तहत अगले दो साल में 10,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना भी समाहित होगी। योजना के तहत केंद्र सरकार कुल खर्च का 60 फीसदी तो राज्य सरकारें 40 फीसदी रकम खर्च करेंगी। इसका लाभ देश के 50 करोड़ लोगों को मिलेगा।
ये आएंगे दायरे में
एसपीसीसी डाटा बेस पर आधारित गरीब और कमजोर तबके लोग शामिल किए जाएंगे। कोई छूटे नहीं, इसके लिए परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं होगी। कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ एक कमरा वाले, वे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई वयस्क सदस्य नहीं हो, ऐसे परिवार जिसमें दिव्यांग सदस्य हों और कोई शारीरिक रूप से सक्षम वयस्क सदस्य नहीं हो, अजा/जजा परिवार, मानवीय आकस्मिक मजदूरी से आय का बड़ा हिस्सा कमाने वाले भूमिहीन परिवार, ग्रामीण क्षेत्रों में बिना छत के रहने वाले, निराश्रित, खैरात पर जीवन यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, कानूनी रूप से मुक्त किए गए बंधुआ मजदूर।
ये होंगे फायदे
बीमा पॉलिसी के पहले दिन से मौजूद सभी शर्तों को कवर किया जाएगा। लाभार्थी को हर बार अस्पताल में दाखिल होने पर परिवहन भत्ते का भुगतान किया जाएगा। पैनल में शामिल देशभर के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल से कैशलेस लाभ की अनुमति होगी।
ऐसे होगा भुगतान
लागत को नियंत्रित करने के लिए पैकेज दर (सरकार द्वारा अग्रिम रूप में परिभाषित) के आधार पर इलाज के लिए भुगतान किया जाएगा। पैकेज दर में इलाज से संबंधित सभी लागत शामिल होगी। लाभार्थियों के लिए यह कैशलेस, पेपरलेस लेनदेन होगा। राज्य विशेष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्यों के पास इन दरों में सीमित रूप से संशोधन का लचीलापन होगा।