अपने लक्ष्य को मार गिराने और अपनी ताकत को और मजबूत करने के लिए भारत भारी मात्रा में घातक स्पाइस-2000 बमों को खरीदने की योजना बना रहा है। पिछले साल बालकोट एयर स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर को नष्ट करने के लिए भारतीय वायुसेना ने इन्ही बमों का इस्तेमाल किया था। आसमान से जमीन पर आकर लक्ष्य को तबाह करने में सक्षम और बेहद शक्तिशाली इन बमों के और एडवांस वर्जन को भारत खरीदने की तैयारी कर रहा है।
चीन के साथ सीमा पर बढ़े तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने तीनों सेनाओं को गोला बारूद और घातक हथियार खरीदने के लिए आपातकालीन वित्तीय शक्ति प्रदान की है। वायुसेना अपने हिस्से आने वाले फंड से स्पाइस-2000 बमों की खरीद करने की योजना बना रही है। सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही स्पाइस -2000 बम हैं। आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत स्पाइस -2000 बमों जैसे अधिक स्टैंड-ऑफ हथियार हासिल करने की योजना है।
स्पाइस -2000 बम 70 किलोमीटर तक के लक्ष्य को मार सकता है। बल में शामिल नए संस्करण बंकरों और मजबूत ठिकानों को भी नष्ट कर सकते हैं। बालाकोट एयरस्ट्राक में बम के जिस संस्करण का इस्तेमाल किया गया था, वो भी मजबूत ठिकानों को नष्ट कर तबाही मचाने के लिए काफी है। आपातकालीन शक्तियों के तहत नरेंद्र मोदी सरकार ने रक्षा बलों को वित्तीय शक्ति प्रदान की है। जिसके तहत वे 500 करोड़ के तक के किसी भी हथियार प्रणाली को खरीद सकते हैं।
भारतीय सेना को इस तरह के फंड देना का मुख्य मकसद किसी भी चुनौती के मुकाबले के लिए शॉर्ट नोटिस पर खुद को तैयार करना है। चीन के साथ सीमा विवाद को देखते हुए भारत सरकार ने अपनी सेनाओं को अलर्ट पर रखा है। कुछ दिन पहले गलवां घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से हालात और भी गंभीर हो गए हैं।
इस्राइल द्वारा विकसित स्पाइस 2000 भारतीय वायुसेना का पारंपरिक बम है जिसका प्रयोग फ्रांसीसी मूल के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों में किया जाता है। स्पाइस (SPICE) का मतलब Smart, Precise Impact, Cost Effective (स्मार्ट, सटीक प्रभाव, लागत प्रभावी) है। यह बम किसी भी प्रकार के बंकर या घर को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके द्वारा सबसे सुरक्षित ठिकाने को भी नेस्तनाबूत किया जा सकता है।