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Gujarat Election: पाक सीमा से सटे कच्छ की अबडासा सीट पर ये हैं समीकरण! ओवैसी की एंट्री से यहां आया ट्विस्ट

कच्छ से आशीष तिवारी की रिपोर्ट Published by: Harendra Chaudhary Updated Fri, 18 Nov 2022 12:51 PM IST
सार

Gujarat Election: कच्छ जिले की अबदासा सीट के अंतर्गत तीन तालुके आते हैं, जिसमें लखपत, लख्तरना और अबदासा शामिल है। लखपत इलाके के रहने वाले हाशिम बताते हैं कि आज भी इस इलाके में पीने के पानी का संकट बना हुआ है। ज्यादातर इलाकों में छोटी-छोटी जरूरत की चीजों को लेने के लिए कई किलोमीटर दूर जाकर खरीदारी करनी पड़ती है...

Gujarat Election- Abdasa Assembly Seat
Gujarat Election- Abdasa Assembly Seat - फोटो : Amar Ujala

विस्तार

मीलों तक फैला सफेद नमक का बंजर रेगिस्तान और इसी बंजर रेगिस्तान के आसपास बसे हैं छोटे-छोटे गांव। गांव में रोजमर्रा की जरूरतों के सामान के लिए भी दूरदराज के कस्बेनुमा गांवों पर निर्भरता बनी हुई है। ऐसे ही एक सुनसान बंजर इलाके में एक जगह पड़ती है लखपत। पाकिस्तानी सीमा से सटे हुए इस लखपत इलाके की विधानसभा का क्षेत्र है अबडासा। गुजरात की 182 विधानसभा क्षेत्रों में यह पहले नंबर की विधानसभा सीट है। मुस्लिम बाहुल्य इस इलाके में भाजपा और कांग्रेस का दबदबा रहा है। लेकिन इस बार मुस्लिम आबादी वाले इस इलाके में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी एंट्री की है। अमर उजाला डॉट कॉम ने गुजरात की पहली विधानसभा में जाकर चुनावी हाल को समझा।

सेंधमारी करेगी ओवैसी की पार्टी

कच्छ जिले की अबदासा सीट के अंतर्गत तीन तालुके आते हैं, जिसमें लखपत, लख्तरना और अबदासा शामिल है। लखपत इलाके के रहने वाले हाशिम बताते हैं कि आज भी इस इलाके में पीने के पानी का संकट बना हुआ है। ज्यादातर इलाकों में छोटी-छोटी जरूरत की चीजों को लेने के लिए कई किलोमीटर दूर जाकर खरीदारी करनी पड़ती है। हाशिम का कहना है दरअसल ऐसी परिस्थितियां इस इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों के चलते ही बनी हैं, लेकिन अभी भी कच्छ के इस इलाके में विकास की बहुत जरूरत है। चुनावी माहौल पर बात करते हुए हाशिम का कहना है कि इस बार तो यहां पर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी एंट्री कर ही ली है। हालांकि ओवैसी की पार्टी इस इलाके में कितना कमाल करेगी यह तो हाशिम नहीं बताते हैं, लेकिन उनका कहना है कि मुस्लिम वोटों में ओवैसी की पार्टी सेंधमारी तो करेगी ही। कच्छ के इसी इलाके के वडली गांव के रहने वाले मोहम्मद अतहर रईसी बताते हैं कि यहां पर तो सिर्फ दो पार्टियां ही चुनावी मैदान में रहती हैं। इसमें भाजपा और कांग्रेस शुरुआत से चुनाव लड़ती आई है। रईसी कहते हैं पहली बार ओवैसी की पार्टी और केजरीवाल की पार्टी चुनावी मैदान में है। हालांकि समूचे गुजरात की राजनीति का जिक्र करते हुए वह कहते हैं कि नई पार्टियों को चुनावी मैदान में आने से लोगों के पास वोट देने के विकल्प तो और होंगे। हालांकि परिणाम कैसे होंगे इसको लेकर वह कुछ बोलने से इनकार करते हैं।

इस इलाके के भिंडयारा गांव के रहने वाले साजिद बताते हैं कि यहां पर जितना भी विकास आप देख रहे हैं, वह भाजपा की सरकार में ही हुआ है। साजिद का कहना है कि पाकिस्तान बॉर्डर होने के चलते सड़कों से लेकर सीमा की सुरक्षा और रहने से लेकर खाने-पीने और जरूरत की चीजों के लिए विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस पूरे इलाके में भाजपा ने बेहतर काम किया है। उनका कहना है कि इस इलाके के मुसलमान भी मोदी को ही वोट करते हैं। यह पूछने पर कि इस बार तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में हैं, तो उनका कहना है लोकतंत्र के लिहाज से यह बेहतर है लेकिन लोग मतदान अपने विकास और क्षेत्र के विकास के नाम पर ही करते हैं।

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