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Gujarat Election: Fishermen lodged in Pakistani jails, getting kin back only poll issue for Families
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Gujarat Election: मछुआरों के परिवारों को रास नहीं आ रहे चुनावी वादे, बस वापस चाहिए पाक जेल में बंद अपने बेटे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अहमदाबाद
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 28 Nov 2022 09:33 AM IST
सार
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पाकिस्तान की जेलों में बंद मछुआरों के परिजनों का कहना है कि वे आगामी चुनावों में उस पार्टी को वोट देंगे, जो उन्हें उनके रिश्तेदारों को वापस लाने का आश्वासन देगी।
गुजरात में एक और पांच दिसंबर को मतदान होना है। आठ दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी होंगे। ऐसे में जनता का मिजाज अपनी ओर करने के लिए सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। बड़े-बड़े दावे और वादे किए जा रह हैं, लेकिन गुजरात के तटीय क्षेत्रों में रहने वाले मछुआरों को ये चुनावी मुद्दे रास नहीं आ रहे हैं।
इनका कहना है कि हमें न ही किसी भत्ते में दिलचस्पी है और न ही किसी वादे में, हमारा वोट उसी दल को जाएगा जो हमें पाकिस्तान की जेल में बंद हमारे बेटे वापस लाकर देगी। दरअसल, पाकिस्तान की जेलों में सैंकड़ों की संख्या में भारतीय मछुआरे बीते कई सालों से बंद हैं, इनके परिजनों को आस है कि आने वाली सरकार उन्हें वापस लाएगी।
मुझे बस मेरा बेटा चाहिए
मछुआरा अंकित बीते दो साल से पाकिस्तान की जेल में बंद है। उनकी 56 वर्षीय मां अंकिता थापरिया कहती हैं कि मैंने उसे दो साल से नहीं देखा है। मुझे बस मेरा बेटा चाहिए, और कुछ भी नहीं। दरअसल, अवैध रूप से पाकिस्तानी जल क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद अंकित को गिरफ्तार कर लिया गया था।
655 मछुआरों के परिवारों को सरकार से आस
गुजरात के तटीय क्षेत्र- सौराष्ट्र, पोरबंदर, वेराल, द्वारका और मगरोल के करीब 655 मछुआरों के परिवारों की स्थिति अंकित की मां जैसी है। ये सभी मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं। इनके परिजनों का कहना है कि वे आगामी चुनावों में उस पार्टी को वोट देंगे, जो उन्हें उनके रिश्तेदारों को वापस लाने का आश्वासन देगी।
सरकार का भत्ता नाकाफी
इन मछुआरों के परिवारों का कहना है कि सरकार की ओर से प्रतिदिन 300 रुपये का छोटा सा भत्ता मिलता है। हालांकि, यह परिवार चलाने के लिए नाकाफी है। अखिल भारतीय मछुआरा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेलजीभाई मसानी ने बताया, गुजरात सरकार के नियमों के मुताबिक, सरकार केवल उन परिवारों को प्रतिदिन 300 रुपये का भत्ता प्रदान करती है, जिनके लोग पहली बार पाकिस्तानी जल क्षेत्र में गिरफ्तार किए गए हैं। अगर वही व्यक्ति दूसरी बार पकड़ा जाता है तो सरकार कोई भत्ता नहीं देती है। यदि आप पहली बार पाकिस्तानी जल क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, तो इसे एक अनपेक्षित गलती माना जाता है। लेकिन अगर आप दूसरी बार पकड़े जाते हैं, तो यह माना जाता है कि आपने यह जानबूझकर किया है।
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