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Govt ready for question hour in parliament after strong protest from opposition
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आखिर सीमित प्रश्नकाल कराने पर राजी हुई सरकार, कड़े विरोध के बाद फैसला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 03 Sep 2020 05:29 AM IST
संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल रद्द करने के सरकार के फैसले पर विपक्ष के कड़े विरोध के बाद सरकार सीमित प्रश्नकाल कराने पर सहमत हो गई। संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने बुधवार को कहा कि सरकार किसी चर्चा से नहीं भाग रही। सरकार अतारांकित प्रश्न लेने को तैयार है। सभी विपक्षी दलों को इस बारे में पहले ही बताया गया था और ज्यादातर इस पर राजी थे। अतारांकित ऐसे प्रश्न होते हैं, जिनका मंत्री केवल लिखित जवाब देते हैं, जबकि तारांकित प्रश्न में प्रश्न पूछने वाले को मौखिक और लिखित दोनों उत्तर का विकल्प दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को देखते हुए मानसून सत्र में प्रश्नकाल स्थगित करने के फैसले की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसको लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा, मैंने चार महीने पहले ही कहा था कि सत्ताधारी नेतृत्व कोरोना महामारी के बहाने लोकतंत्र और मतभेद को दबाने की कोशिश करेगा। हमें सुरक्षित रखने के नाम पर इसे किस तरह न्यायोचित ठहराया जा सकता है। सरकार से सवाल पूछना संसदीय लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने संसद को महज एक नोटिस बोर्ड जैसा बना दिया है और जो भी पास कराना हो उसके लिए प्रचंड बहुमत को रबर स्टैंप की तरह इस्तेमाल कर रही है।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि कोरोना के बहाने लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसद सरकार से अर्थव्यवस्था और कोरोना पर सवाल न पूछ सके इसलिए प्रश्नकाल स्थगित किया गया है। ओब्रायन ने पूछा कि मानसून सत्र के कामकाज का समय लगभग बराबर ही है, तो प्रश्नकाल क्यों रद्द किया गया। उधर, राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि यह फैसला निराशाजनक है। कोरोना महामारी ने कितनी ही जानें ले ली हैं, सीमा पर तनातनी जारी है, ऐसे समय में प्रश्नकाल को रद्द कर दिया गया। वहीं कांग्रेस सांसद पीएल पूनिया ने उम्मीद जताई कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए शून्यकाल को जारी रखा जाएगा।
शून्यकाल को घटा कर आधा घंटा किया
मानसून सत्र 14 सितंबर से 1 अक्तूबर तक चलेगा। लोकसभा और राज्यसभा की अधिसूचना के मुताबिक इस सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। निजी बिल भी पेश करने की अनुमति नहीं होगी। वहीं शून्यकाल को घटा कर आधा घंटा किया गया है। कोरोना के कारण दो पाली सुबह 9 से 1 बजे और दोपहर 3 से 7 बजे शाम तक संसद चलेगी। सुबह की पाली में राज्यसभा और दूसरी पाली में लोकसभा की कार्यवाही होगी। पूरे सत्र में कोई छुट्टी नहीं होगी।
टीएमसी कोरोना काल में ऐसे आरोप न लगाए : भाजपा
तृणमूल सांसद डेरेक ओब्रायन के आरोप का जवाब देते हुए राज्यसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि देश में कोरोना महामारी के दौरान उन्हें ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए। यह सांविधानिक बाध्यता है, इसलिए संसद सत्र बुलाया गया है ताकि जरूरी काम पूरा हो सके। यह फैसला लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति ने लिया है, सरकार ने नहीं। अत: ओब्रायन को संसद में तृणमूल की भाषा नहीं बोलनी चाहिए।
प्रश्नकाल रद्द करने पर झूठ फैला रहा विपक्ष : भाजपा
मानूसन सत्र में प्रश्नकाल स्थगित करने पर केंद्र सरकार की आलोचना पर भाजपा ने कांग्रेस की खिंचाई की है। भाजपा ने कहा कि यह कितना हास्यास्पद है कि विपक्षी सदस्य, जिन्हें अपनी पार्टी अध्यक्ष से प्रश्न पूछने की हिम्मत नहीं है, वे इस मुद्दे पर झूठी कहानी गढ़ रहे हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद और मीडिया प्र्रभारी अनिल बलूनी ने कहा कि प्रश्नकाल स्थगित करने को लेकर विपक्ष द्वारा हंगामा करना और कुछ नहीं, बल्कि अव्वल दर्जे का पाखंड है। कोरोना को देखते हुए सत्र का समय घटाया गया है, ऐसे में स्वाभाविक रूप से प्रश्नकाल को रद्द किया गया है, लेकिन सदस्यों को अतारांकित प्रश्न पूछने की अनुमति दी गई है।
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