न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 01 Oct 2020 03:03 AM IST
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बाबरी विध्वंस मामले में विशेष अदालत के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) में अपील के सवाल पर मतभेद के संकेत दिख रहे हैं। बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की बात कही है। वहीं, बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महल ने मुस्लिम संगठनों की बैठक में इस पर फैसला लेने की बात कही है।
जिलानी ने फैसले के बाद अदालत पर तथ्यों और सबूतों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, बोर्ड जल्द ही विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगा। जबकि बोर्ड के अहम सदस्य मौलाना खालिद ने फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, आगे की रणनीति पर मुस्लिम संगठनों से बातचीत के बाद निर्णय लिया जाएगा।
मौलाना खालिद ने कहा, सब जानते हैं कि छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को कैसे शहीद किया गया। संविधान को कैसे विफल किया गया। बीते साल नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि मुसलमानों को मस्जिद से गलत तरीके से वंचित किया गया। अदालत ने इसे अवैध बताया था। अब अदालत को तय करना है कि कोई दोषी है या नहीं। अब मुस्लिम संगठन साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि क्या इसके खिलाफ अपील करनी है?
उन्होंने कहा कि अपील दायर करने में कोई लाभ होगा या नहीं, केवल समय बताएगा। उन्होंने कहा कि देश में मुसलमानों ने हमेशा अदालती फैसलों का सम्मान किया है और आगे भी करते रहेंगे।
बाबरी विध्वंस मामले में विशेष अदालत के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) में अपील के सवाल पर मतभेद के संकेत दिख रहे हैं। बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की बात कही है। वहीं, बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महल ने मुस्लिम संगठनों की बैठक में इस पर फैसला लेने की बात कही है।
जिलानी ने फैसले के बाद अदालत पर तथ्यों और सबूतों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, बोर्ड जल्द ही विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगा। जबकि बोर्ड के अहम सदस्य मौलाना खालिद ने फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, आगे की रणनीति पर मुस्लिम संगठनों से बातचीत के बाद निर्णय लिया जाएगा।
मौलाना खालिद ने कहा, सब जानते हैं कि छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को कैसे शहीद किया गया। संविधान को कैसे विफल किया गया। बीते साल नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि मुसलमानों को मस्जिद से गलत तरीके से वंचित किया गया। अदालत ने इसे अवैध बताया था। अब अदालत को तय करना है कि कोई दोषी है या नहीं। अब मुस्लिम संगठन साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि क्या इसके खिलाफ अपील करनी है?
उन्होंने कहा कि अपील दायर करने में कोई लाभ होगा या नहीं, केवल समय बताएगा। उन्होंने कहा कि देश में मुसलमानों ने हमेशा अदालती फैसलों का सम्मान किया है और आगे भी करते रहेंगे।