पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
बस्तर का मिनपा इलाका माओवादियों का गढ़ माना जाता था। आईईडी ब्लास्ट और घात लगाकर हमला, ये आम बातें थीं। पिछले साल डीआरजी के 17 वीरों ने इसी इलाके में सर्वोच्च बलिदान दिया था। माओवादियों के इस हमले के बाद सीआरपीएफ योद्धाओं ने माओवादियों को न केवल तगड़ी चुनौती दी, बल्कि उन्हें इस इलाके से दूर खदेड़ दिया। सीआरपीएफ ने सफलतापूर्वक मिनपा में फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) तैयार कर दिया। गुरुवार को डीजी डॉ. एपी माहेश्वरी ने इस एफओबी को बेस्ट फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस घोषित कर जवानों को वीरता पदकों से नवाजा।
स्वतंत्रता दिवस 2020 और गणतंत्र दिवस 2021 पर सीआरपीएफ के 127 बहादुरों को 128 वीरता पदक प्रदान किए गए थे। इनमें 4 कीर्ति चक्र, एक पीपीएमजी और 123 पीपीएम शामिल हैं। सीआरपीएफ के डीजी डॉ माहेश्वरी ने इन वीरता पदक विजेताओं और मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित वीरों के परिवारों को दिल्ली में आयोजित समारोह में सम्मानित किया। महानिदेशक ने पदक पाने वाले शहीदों के परिजनों को स्मृति चिन्ह, शॉल व आर्थिक सहायता प्रदान की है।
कभी माओवादियों का गढ़ रहे मिनपा में सफलतापूर्वक स्थापित फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) को बेस्ट फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस घोषित करते हुए महानिदेशक ने प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। एफओबी एक त्रिकोणीय रणनीति का एक हिस्सा हैं, जिसमें निरंतर अभियानों द्वारा दुश्मन के गढ़ों को ध्वस्त करना, एफओबी की मदद से नियत समय में ऑपरेशन कर परिचालनिक लाभ प्राप्त करना और संचालन के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में मोबाइल कमांड पोस्ट का उपयोग कर वास्तविक समय में ऑपरेशंस को नियंत्रित व प्रबंधित करना शामिल है। महानिदेशक ने मिनपा एफओबी की प्रशंसा करते हुए इसे बल के संकल्प का प्रतीक बताया। चूंकि यह प्रतिकूल परिस्थितियों और अनेकों हमलों के उपरांत भी रिकॉर्ड समय में स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि यह एफओबी दुश्मन के दिल में खंजर की तरह काम करेगा और उसके अपराजेय होने के भ्रम को तोड़ेगा।
वीरों की प्रशंसा करते हुए महानिदेशक ने कहा कि राष्ट्र ने सीआरपीएफ कर्मियों की वीरता और साहस को पदकों से अलंकृत किया है। राष्ट्र, सदैव हमारे योद्धाओं और उनके परिवारों के प्रति ऋणी रहेगा, जो कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने से भी नहीं चूके। उन्होंने आश्वासन दिया कि सीआरपीएफ अपने परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ, दूसरे सुरक्षा बलों के साथ मिलकर ग्रामीण इलाकों में लक्षित ऑपरेशन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
दूसरी तरफ, सीआरपीएफ वैली क्यूएटी श्रीनगर में ऑपरेशंस कर रही है। अवांछित क्षति से बचने के लिए मानव और भौगोलिक इलाकों का मानचित्रण करने के अलावा, कार्मिकों को सुरक्षा उपकरण और बल गुणक जैसे कई अत्याधुनिक उपकरण मुहैया कराए गए हैं। इनमें बुलेट प्रूफ घटना प्रतिक्रिया कमांड वाहन भी शामिल हैं। इनके द्वारा योद्धाओं को निर्णायक बढ़त और सुरक्षा प्रदान की जाती है। जहां एक ओर क्यूएटी को कम से कम संभव प्रतिक्रिया समय में तैनात किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ कमांडरों को ऑपरेशन स्थलों से वास्तविक समय पर वीडियो फीड प्राप्त हो रहे हैं। इससे वे प्रभावी ढंग से संचालन की निगरानी और त्वरित आवश्यक निर्देश देने में और अधिक सक्षम हुए हैं।
कुल 2112 वीरता पदकों के साथ इस केंद्रीय सुरक्षा बल को सबसे सुशोभित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल होने का गौरव प्राप्त है। 2224 बहादुरों ने राष्ट्र सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया है। CRPF के साहस, बलिदान और व्यावसायिक दक्षता ने इसे राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा का प्रमुख बल बना दिया है।
विस्तार
बस्तर का मिनपा इलाका माओवादियों का गढ़ माना जाता था। आईईडी ब्लास्ट और घात लगाकर हमला, ये आम बातें थीं। पिछले साल डीआरजी के 17 वीरों ने इसी इलाके में सर्वोच्च बलिदान दिया था। माओवादियों के इस हमले के बाद सीआरपीएफ योद्धाओं ने माओवादियों को न केवल तगड़ी चुनौती दी, बल्कि उन्हें इस इलाके से दूर खदेड़ दिया। सीआरपीएफ ने सफलतापूर्वक मिनपा में फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) तैयार कर दिया। गुरुवार को डीजी डॉ. एपी माहेश्वरी ने इस एफओबी को बेस्ट फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस घोषित कर जवानों को वीरता पदकों से नवाजा।
स्वतंत्रता दिवस 2020 और गणतंत्र दिवस 2021 पर सीआरपीएफ के 127 बहादुरों को 128 वीरता पदक प्रदान किए गए थे। इनमें 4 कीर्ति चक्र, एक पीपीएमजी और 123 पीपीएम शामिल हैं। सीआरपीएफ के डीजी डॉ माहेश्वरी ने इन वीरता पदक विजेताओं और मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित वीरों के परिवारों को दिल्ली में आयोजित समारोह में सम्मानित किया। महानिदेशक ने पदक पाने वाले शहीदों के परिजनों को स्मृति चिन्ह, शॉल व आर्थिक सहायता प्रदान की है।
कभी माओवादियों का गढ़ रहे मिनपा में सफलतापूर्वक स्थापित फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) को बेस्ट फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस घोषित करते हुए महानिदेशक ने प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। एफओबी एक त्रिकोणीय रणनीति का एक हिस्सा हैं, जिसमें निरंतर अभियानों द्वारा दुश्मन के गढ़ों को ध्वस्त करना, एफओबी की मदद से नियत समय में ऑपरेशन कर परिचालनिक लाभ प्राप्त करना और संचालन के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में मोबाइल कमांड पोस्ट का उपयोग कर वास्तविक समय में ऑपरेशंस को नियंत्रित व प्रबंधित करना शामिल है। महानिदेशक ने मिनपा एफओबी की प्रशंसा करते हुए इसे बल के संकल्प का प्रतीक बताया। चूंकि यह प्रतिकूल परिस्थितियों और अनेकों हमलों के उपरांत भी रिकॉर्ड समय में स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि यह एफओबी दुश्मन के दिल में खंजर की तरह काम करेगा और उसके अपराजेय होने के भ्रम को तोड़ेगा।
वीरों की प्रशंसा करते हुए महानिदेशक ने कहा कि राष्ट्र ने सीआरपीएफ कर्मियों की वीरता और साहस को पदकों से अलंकृत किया है। राष्ट्र, सदैव हमारे योद्धाओं और उनके परिवारों के प्रति ऋणी रहेगा, जो कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने से भी नहीं चूके। उन्होंने आश्वासन दिया कि सीआरपीएफ अपने परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ, दूसरे सुरक्षा बलों के साथ मिलकर ग्रामीण इलाकों में लक्षित ऑपरेशन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
दूसरी तरफ, सीआरपीएफ वैली क्यूएटी श्रीनगर में ऑपरेशंस कर रही है। अवांछित क्षति से बचने के लिए मानव और भौगोलिक इलाकों का मानचित्रण करने के अलावा, कार्मिकों को सुरक्षा उपकरण और बल गुणक जैसे कई अत्याधुनिक उपकरण मुहैया कराए गए हैं। इनमें बुलेट प्रूफ घटना प्रतिक्रिया कमांड वाहन भी शामिल हैं। इनके द्वारा योद्धाओं को निर्णायक बढ़त और सुरक्षा प्रदान की जाती है। जहां एक ओर क्यूएटी को कम से कम संभव प्रतिक्रिया समय में तैनात किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ कमांडरों को ऑपरेशन स्थलों से वास्तविक समय पर वीडियो फीड प्राप्त हो रहे हैं। इससे वे प्रभावी ढंग से संचालन की निगरानी और त्वरित आवश्यक निर्देश देने में और अधिक सक्षम हुए हैं।
कुल 2112 वीरता पदकों के साथ इस केंद्रीय सुरक्षा बल को सबसे सुशोभित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल होने का गौरव प्राप्त है। 2224 बहादुरों ने राष्ट्र सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया है। CRPF के साहस, बलिदान और व्यावसायिक दक्षता ने इसे राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा का प्रमुख बल बना दिया है।