लंबे समय से गांधी परिवार के बेहद करीबी नेता माने जाने वाले अहमद पटेल के निधन पर अनेक राजनेताओं ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत अनेक नेताओं ने अहमद पटेल को याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी है। पटेल पिछले कुछ दिनों से गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती थे।
बुधवार सुबह उनके पुत्र फैसल पटेल ने उनके इंतकाल की जानकारी दी। 25 नवंबर सुबह 3:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने गहरा शोक प्रकट किया है। उनकी मौत पर शीर्ष नेताओं ने गंभीर दुख जताया है। नेताओं ने इसे गांधी परिवार, कांग्रेस और गुजरात के लिए बड़ी क्षति कहा है।
राहुल गांधी ने अहमद पटेल को कांग्रेस का स्तंभ बताते हुए कहा है कि वे पार्टी के सबसे कठिन समय में भी हमेशा पार्टी के साथ खड़े रहे। उन्होंने सच्चे अर्थों में कांग्रेस को जिया है। वे पार्टी की अमूल्य निधि थे। प्रियंका गांधी ने कहा है कि वे ऐसे व्यक्ति थे जिनसे वे हमेशाा सलाह लिया करती थीं। वे ऐसे मित्र थे जो हमेशा सहज उपलब्ध रहते थे। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस के साथ-साथ बाकी पार्टियों के नेताओं के बीच भी वे लोकप्रिय थे। उनको सभी अहमद भाई कहकर आदर दिया करते थे।
जनता दल यूनाइटेड नेता केसी त्यागी ने कहा कि अहमद पटेल का जाना पूरे देश के साथ-साथ गांधी परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति है। यह उनकी राजनीतिक समझ, ईमानदारी और गांधी परिवार के प्रति निष्ठा का ही परिणाम थी कि वे इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक सबके सबसे खास सहयोगी बने रहे। इतने लंबे समय तक सत्ता के सबसे करीब रहकर भी इतना सादगीपूर्ण जीवन जीना बेहद असामान्य बात नहीं है। वे विलक्षण व्यक्ति थे और राजनीति में इतने सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले चंद लोग ही बचे हैं।
केसी त्यागी ने अहमद पटेल के साथ अपने निजी संबंधों को याद करते हुए कहा कि गुजरात में उनके खिलाफ मेरी पार्टी के एक उम्मीदवार छोटे भाई बसावा चुनाव भी लड़े थे और मैंने अहमद पटेल के खिलाफ अपने उम्मीदवार का प्रचार भी किया था, लेकिन जब वे जीतकर दिल्ली में मुझसे मिले तो उनके मन में मेरे प्रति कोई नकारात्मक भाव नहीं था। यही लोकतंत्र को जिताने वाली सच्ची ईमानदारी है जिसे आजकल के लोग भूलते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन पहले उनके बहन-बहनोई का निधन हो गया था। इस अवसर पर सबसे पहले अहमद पटेल का ही फोन आया था। उन्होंने बहुत दुख जताया था और जल्द ही मिलने को भी कहा था। लेकिन दुर्भाग्य है कि अहमद पटेल अब हमारे बीच नहीं रहे।
गुजरात और मेरी निजी क्षति
गुजरात के कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि अहमद पटेल का जाना गुजरात के लोगों के लिए और व्यक्तिगत मेरे लिए बहुत बड़ी क्षति है। गुजरात के लोगों के लिए उनके बंगले का दरवाजा हमेशा खुला रहता था, गुजरात से आने वाले किसी भी व्यक्ति को दिल्ली में रहने के लिए उनका घर हमेशा एक सहज उपलब्ध ठिकाना होता था। सत्ता के करीब रहकर उन्होंने गुजरात के लिए अनेक योजनाओं को अपने राज्य ले जाने की हमेशा कोशिश करते रहते थे।
मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि सत्ता के बेहद करीब रहकर भी इतना सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले वे विलक्षण व्यक्ति थे। कांग्रेस के किसी भी संकट के समय उनके पास हमेशा एक उपयोगी सलाह रहा करती थी। यही उन्हें सबसे खास बनाता था। उन्होंने कहा कि अनेक लोग राजनीति को अपने हित का साधन मानते हैं, लेकिन अहमद पटेल भाई ने कितने लोगों की व्यक्तिगत स्तर पर मदद की थी, इसकी गिनती करना भी मुश्किल है। उनकी यही खासियत उन्हें सबसे अलग और सबसे खास बनाती थी।
भाजपा नेता प्रेम शुक्ला ने कहा कि अहमद पटेल राजनीतिक रूप से बहुत परिपक्व और मंजे हुए नेता थे। कांग्रेस की नीतियों पर हमेशा उनका असर रहता था। वे कांग्रेस पार्टी के ऐसे चेहरे थे जो बहुत ज्यादा बोलते नहीं थे, लेकिन पर्दे के पीछे रहकर ही सबसे ज्यादा उपयोगी भूमिका निभाया करते थे। इस तरह की सादगी बहुत कम ही लोगों में देखने को मिलती है।
विस्तार
लंबे समय से गांधी परिवार के बेहद करीबी नेता माने जाने वाले अहमद पटेल के निधन पर अनेक राजनेताओं ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत अनेक नेताओं ने अहमद पटेल को याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी है। पटेल पिछले कुछ दिनों से गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती थे।
बुधवार सुबह उनके पुत्र फैसल पटेल ने उनके इंतकाल की जानकारी दी। 25 नवंबर सुबह 3:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने गहरा शोक प्रकट किया है। उनकी मौत पर शीर्ष नेताओं ने गंभीर दुख जताया है। नेताओं ने इसे गांधी परिवार, कांग्रेस और गुजरात के लिए बड़ी क्षति कहा है।
राहुल गांधी ने अहमद पटेल को कांग्रेस का स्तंभ बताते हुए कहा है कि वे पार्टी के सबसे कठिन समय में भी हमेशा पार्टी के साथ खड़े रहे। उन्होंने सच्चे अर्थों में कांग्रेस को जिया है। वे पार्टी की अमूल्य निधि थे। प्रियंका गांधी ने कहा है कि वे ऐसे व्यक्ति थे जिनसे वे हमेशाा सलाह लिया करती थीं। वे ऐसे मित्र थे जो हमेशा सहज उपलब्ध रहते थे। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस के साथ-साथ बाकी पार्टियों के नेताओं के बीच भी वे लोकप्रिय थे। उनको सभी अहमद भाई कहकर आदर दिया करते थे।
जनता दल यूनाइटेड नेता केसी त्यागी ने कहा कि अहमद पटेल का जाना पूरे देश के साथ-साथ गांधी परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति है। यह उनकी राजनीतिक समझ, ईमानदारी और गांधी परिवार के प्रति निष्ठा का ही परिणाम थी कि वे इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक सबके सबसे खास सहयोगी बने रहे। इतने लंबे समय तक सत्ता के सबसे करीब रहकर भी इतना सादगीपूर्ण जीवन जीना बेहद असामान्य बात नहीं है। वे विलक्षण व्यक्ति थे और राजनीति में इतने सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले चंद लोग ही बचे हैं।
केसी त्यागी ने अहमद पटेल के साथ अपने निजी संबंधों को याद करते हुए कहा कि गुजरात में उनके खिलाफ मेरी पार्टी के एक उम्मीदवार छोटे भाई बसावा चुनाव भी लड़े थे और मैंने अहमद पटेल के खिलाफ अपने उम्मीदवार का प्रचार भी किया था, लेकिन जब वे जीतकर दिल्ली में मुझसे मिले तो उनके मन में मेरे प्रति कोई नकारात्मक भाव नहीं था। यही लोकतंत्र को जिताने वाली सच्ची ईमानदारी है जिसे आजकल के लोग भूलते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन पहले उनके बहन-बहनोई का निधन हो गया था। इस अवसर पर सबसे पहले अहमद पटेल का ही फोन आया था। उन्होंने बहुत दुख जताया था और जल्द ही मिलने को भी कहा था। लेकिन दुर्भाग्य है कि अहमद पटेल अब हमारे बीच नहीं रहे।
गुजरात और मेरी निजी क्षति
गुजरात के कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि अहमद पटेल का जाना गुजरात के लोगों के लिए और व्यक्तिगत मेरे लिए बहुत बड़ी क्षति है। गुजरात के लोगों के लिए उनके बंगले का दरवाजा हमेशा खुला रहता था, गुजरात से आने वाले किसी भी व्यक्ति को दिल्ली में रहने के लिए उनका घर हमेशा एक सहज उपलब्ध ठिकाना होता था। सत्ता के करीब रहकर उन्होंने गुजरात के लिए अनेक योजनाओं को अपने राज्य ले जाने की हमेशा कोशिश करते रहते थे।
मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि सत्ता के बेहद करीब रहकर भी इतना सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले वे विलक्षण व्यक्ति थे। कांग्रेस के किसी भी संकट के समय उनके पास हमेशा एक उपयोगी सलाह रहा करती थी। यही उन्हें सबसे खास बनाता था। उन्होंने कहा कि अनेक लोग राजनीति को अपने हित का साधन मानते हैं, लेकिन अहमद पटेल भाई ने कितने लोगों की व्यक्तिगत स्तर पर मदद की थी, इसकी गिनती करना भी मुश्किल है। उनकी यही खासियत उन्हें सबसे अलग और सबसे खास बनाती थी।
भाजपा नेता प्रेम शुक्ला ने कहा कि अहमद पटेल राजनीतिक रूप से बहुत परिपक्व और मंजे हुए नेता थे। कांग्रेस की नीतियों पर हमेशा उनका असर रहता था। वे कांग्रेस पार्टी के ऐसे चेहरे थे जो बहुत ज्यादा बोलते नहीं थे, लेकिन पर्दे के पीछे रहकर ही सबसे ज्यादा उपयोगी भूमिका निभाया करते थे। इस तरह की सादगी बहुत कम ही लोगों में देखने को मिलती है।