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केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' के 84वें स्थापना दिवस यानी 'सीआरपीएफ डे' पर आयोजित होने वाली परेड इस बार नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले बस्तर क्षेत्र के जगदलपुर में आयोजित होगी। खास बात ये है कि आजादी के 75वें महोत्सव में सीआरपीएफ की 75 महिला बाइकर, दिल्ली के इंडिया गेट से लेकर छत्तीसगढ़ तक की 1848 किलोमीटर की दूरी 16 दिन में तय करेंगी। इंडिया गेट पर नौ मार्च को सीआरपीएफ वूमेन डेयरडेविल्स दस्ते को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। महिला बाइकर दस्ता आगरा, ग्वालियर, शिवपुरी, भोपाल, नागपुर, भांद्रा, रायपुर और कोंडागांव होते हुए जगदलपुर पहुंचेगा।
केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' के 84वें स्थापना दिवस यानी 'सीआरपीएफ डे' पर आयोजित होने वाली परेड इस बार नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले बस्तर क्षेत्र के जगदलपुर में आयोजित होगी। खास बात ये है कि आजादी के 75वें महोत्सव में सीआरपीएफ की 75 महिला बाइकर, दिल्ली के इंडिया गेट से लेकर छत्तीसगढ़ तक की 1848 किलोमीटर की दूरी 16 दिन में तय करेंगी। इंडिया गेट पर नौ मार्च को सीआरपीएफ वूमेन डेयरडेविल्स दस्ते को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। महिला बाइकर दस्ता आगरा, ग्वालियर, शिवपुरी, भोपाल, नागपुर, भांद्रा, रायपुर और कोंडागांव होते हुए जगदलपुर पहुंचेगा।
आजादी का 75वां अमृत महोत्सव और 75 महिला बाइकर
सीआरपीएफ की महिला बाइकर, बहादुरी के कई कारनामों के लिए चर्चित रही हैं। बल की महिलाएं, सुरक्षा के हर मोर्चे पर तैनात हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए गठित कोबरा बटालियन में भी महिलाओं ने अपना दमखम दिखाया है। वीआईपी सुरक्षा से लेकर कानून व्यवस्था तक की ड्यूटी में सीआरपीएफ की महिलाओं ने सदैव बेहतरीन कार्य किया है। देश की आजादी के 75वें साल में भारत सरकार 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रही है। इसके तहत देश में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। ये समारोह 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहेंगे। इसी के तहत सीआरपीएफ की 75 महिलाओं का दस्ता, नई दिल्ली से जगदलपुर तक की दूरी तय करेगा। बीच में कई जगहों पर महिला दस्ते का पड़ाव रखा गया है। यह दस्ता, लोगों को, खासतौर पर महिलाओं को आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर कई तरह के संदेश देगा। इनमें महिलाओं का सशक्तिकरण और सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी आदि शामिल हैं। देश की आजादी में असंख्य लोगों ने अपना बलिदान दिया है। उसके बाद देश की आजादी को बनाए रखने के लिए हजारों जांबाज सिपाहियों ने अपना जीवन समर्पित किया है।