पराली के धुएं की मात्रा बढ़ते ही शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की चादर घनी हो गई। गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा व गुरुग्राम की हवा इस सीजन में पहली बार बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई। चारों शहरों का सूचकांक 300 से ऊपर रिकार्ड किया गया।
वहीं, दिल्ली व फरीदाबाद की हवा भी बेहद खराब की सीमा के नजदीक रही। दूसरी तरफ 360 के सूचकांक के साथ दिल्ली का शादीपुर में प्रदूषण सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। उधर, सफर का पूर्वानुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से रविवार से हवा की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की तरफ से शाम 4 बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक 349 दर्ज किया गया। एनसीआर के दूसरे शहरों के हालात भी बेहतर नहीं रहे। ग्रेटर नोएडा का सूचकांक 330, नोएडा का 312 व गुरुग्राम का 308 रिकार्ड किया। चारों शहरों की हवा बेहद खराब स्तर पर रही। इस मामले में थोड़ी राहत दिल्ली व फरीदाबाद को मिली। इनका सूचकांक 300 के नीचे दर्ज किया गया।
दूसरी तरफ दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका शादीपुर रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 360 पहुंचने से यहां दिल्ली समेत एनसीआर के दूसरे शहरों से भी प्रदूषण ज्यादा था। इसके अलावा राजधानी के करीब दस इलाकों की हवा भी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई। हालांकि, दिल्ली का 24 घंटों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 284 दर्ज किया गया है।
24 घंटे का औसत प्रदूषण खराब स्तर पर, पूर्वानुमान, पश्चिमी विक्षोभ की वजह से अगले तीन दिनों में सुधरेगी गुणवत्ता
सफर इंडिया के मुताबिक, पराली के धुएं का स्तर शनिवार को अचानक से बढ़ गया। इसका सीधा असर वायु गुणवत्ता पर पड़ा। बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 1572 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं दर्ज की गई। प्रदूषण में इनकी हिस्सेदारी 14 फीसदी दर्ज की गई है। गत दिनों पीएम 10 का स्तर दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण बना हुआ था, लेकिन इन दिनों पीएम 2.5 का स्तर प्रदूषण में अधिक हिस्सेदारी दर्ज करा रहा है। मानक 100 व 60 की तुलना में शनिवार को पीएम 10 का स्तर 253 (खराब) व पीएम 2.5 का स्तर 125 (बहुत खराब) माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया है।
अगले तीन दिनों तक रहेगा सुधार
सफर के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवाएं पराली के धुएं को दिल्ली-एनसीआर तक लाने के लिए अनुकूल बनी हुई हैं। इस वजह से हवा का स्तर खराब से बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। अगले 24 घंटे में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बारिश होने की स्थिति में हवा की गुणवत्ता में हल्का सुधार होने की संभावना है। उसके बाद अगले तीन दिनों तक हालात बेहतर रहने का अनुमान है।
वायु गुणवत्ता मानक
हवा का स्तर मानक सूचकांक
अच्छा 0-50
संतोषजनक 50-100
औसत 100-200
खराब 200-300
बेहद खराब 300-400
गंभीर 400-500
आपात स्थिति 500 से ऊपर
शनिवार को दिल्ली-एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक
दिल्ली- 284
फरीदाबाद- 264
गाजियाबाद- 349
ग्रेटर नोएडा- 330
गुरुग्राम- 308
नोएडा- 312
दिल्ली में अलग-अलग जगहों का प्रदूषण
शादीपुर- 360
आनंद विहार- 343
पटपड़गंज- 338
मथुरा रोड- 330
बवाना- 315
द्वारका सेक्टर आठ- 310
करणी शूटिंग रेंज- 302
आईजीआई एयरपोर्ट- 302
सोनिया विहार- 307
ओखला फेज 2- 308
मुंडका- 300
विस्तार
पराली के धुएं की मात्रा बढ़ते ही शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की चादर घनी हो गई। गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा व गुरुग्राम की हवा इस सीजन में पहली बार बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई। चारों शहरों का सूचकांक 300 से ऊपर रिकार्ड किया गया।
वहीं, दिल्ली व फरीदाबाद की हवा भी बेहद खराब की सीमा के नजदीक रही। दूसरी तरफ 360 के सूचकांक के साथ दिल्ली का शादीपुर में प्रदूषण सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। उधर, सफर का पूर्वानुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से रविवार से हवा की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की तरफ से शाम 4 बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक 349 दर्ज किया गया। एनसीआर के दूसरे शहरों के हालात भी बेहतर नहीं रहे। ग्रेटर नोएडा का सूचकांक 330, नोएडा का 312 व गुरुग्राम का 308 रिकार्ड किया। चारों शहरों की हवा बेहद खराब स्तर पर रही। इस मामले में थोड़ी राहत दिल्ली व फरीदाबाद को मिली। इनका सूचकांक 300 के नीचे दर्ज किया गया।
दूसरी तरफ दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका शादीपुर रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 360 पहुंचने से यहां दिल्ली समेत एनसीआर के दूसरे शहरों से भी प्रदूषण ज्यादा था। इसके अलावा राजधानी के करीब दस इलाकों की हवा भी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई। हालांकि, दिल्ली का 24 घंटों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 284 दर्ज किया गया है।
24 घंटे का औसत प्रदूषण खराब स्तर पर, पूर्वानुमान, पश्चिमी विक्षोभ की वजह से अगले तीन दिनों में सुधरेगी गुणवत्ता
सफर इंडिया के मुताबिक, पराली के धुएं का स्तर शनिवार को अचानक से बढ़ गया। इसका सीधा असर वायु गुणवत्ता पर पड़ा। बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 1572 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं दर्ज की गई। प्रदूषण में इनकी हिस्सेदारी 14 फीसदी दर्ज की गई है। गत दिनों पीएम 10 का स्तर दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण बना हुआ था, लेकिन इन दिनों पीएम 2.5 का स्तर प्रदूषण में अधिक हिस्सेदारी दर्ज करा रहा है। मानक 100 व 60 की तुलना में शनिवार को पीएम 10 का स्तर 253 (खराब) व पीएम 2.5 का स्तर 125 (बहुत खराब) माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया है।
अगले तीन दिनों तक रहेगा सुधार
सफर के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवाएं पराली के धुएं को दिल्ली-एनसीआर तक लाने के लिए अनुकूल बनी हुई हैं। इस वजह से हवा का स्तर खराब से बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। अगले 24 घंटे में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बारिश होने की स्थिति में हवा की गुणवत्ता में हल्का सुधार होने की संभावना है। उसके बाद अगले तीन दिनों तक हालात बेहतर रहने का अनुमान है।
वायु गुणवत्ता मानक
हवा का स्तर मानक सूचकांक
अच्छा 0-50
संतोषजनक 50-100
औसत 100-200
खराब 200-300
बेहद खराब 300-400
गंभीर 400-500
आपात स्थिति 500 से ऊपर
शनिवार को दिल्ली-एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक
दिल्ली- 284
फरीदाबाद- 264
गाजियाबाद- 349
ग्रेटर नोएडा- 330
गुरुग्राम- 308
नोएडा- 312
दिल्ली में अलग-अलग जगहों का प्रदूषण
शादीपुर- 360
आनंद विहार- 343
पटपड़गंज- 338
मथुरा रोड- 330
बवाना- 315
द्वारका सेक्टर आठ- 310
करणी शूटिंग रेंज- 302
आईजीआई एयरपोर्ट- 302
सोनिया विहार- 307
ओखला फेज 2- 308
मुंडका- 300