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दिल्ली एमसीडी चुनाव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शुक्रवार शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया है। ईवीएम मशीनों में पार्टियों के चुनाव चिन्ह आदि की स्थिति जांचने के बाद उन्हें स्ट्रांग रूम में बंद कर दिया गया है। यह काम इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) के इंजीनियरों और सेक्टर अफसर की मौजूदगी में हुआ है। तकरीबन हर विधानसभा क्षेत्र में एक स्ट्रांग रूम तैयार किया गया है। स्ट्रांग रूम का चयन करते वक्त, यह अनिवार्य तौर पर देखा जाता है कि उस कमरे या हॉल में कोई खिड़की तो नहीं है। अगर है, तो वहां दीवार बनाई जाती है। कहीं कोई छिद्र नजर आता है, तो वहां सीमेंट और लोहे की ग्रिल लगती है। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी 'सीआरपीएफ' को दी गई है, जबकि उस परिसर की चौकसी 'दिल्ली पुलिस' संभालेगी।
इनकी मौजूदगी में चेक होती है ईवीएम
दिल्ली एमसीडी चुनाव की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, एक स्ट्रांग रूम में, दो-तीन वार्ड का मतदान संपन्न कराने के लिए ईवीएम रखी जाती हैं। मशीनों की संख्या दो-ढाई सौ के बीच रहती है। हालांकि यह संख्या विधानसभा के क्षेत्र और मतदाताओं की संख्या पर निर्भर करती है। इसके मुताबिक, उसे घटाया या बढ़ाया जा सकता है। दिल्ली में 70 विधानसभा क्षेत्र हैं, तो ऐसे में स्ट्रांग रूम की संख्या भी लगभग इतनी ही रहती है। इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) के इंजीनियर और सेक्टर अफसर की निगरानी में ईवीएम को चेक किया जाता है। पहले नंबर पर कौन सी पार्टी का चिन्ह होगा, दूसरे पर कौन होगा और निर्दलीय उम्मीदवार आदि, इन सबकी स्थिति जांची जाती है।
सुबह दो-तीन बजे खुलेगा स्ट्रांग रूम
ईवीएम तैयार होने के बाद स्ट्रांग रूम की जांच पड़ताल होती है। यह देखा जाता है कि वहां कोई खिड़की तो नहीं है। दरवाजे का लॉक ठीक है। शॉर्ट सर्किट जैसी कोई संभावना तो नहीं है। इसके बाद स्ट्रांग रूम को लॉक कर देते हैं। वहां सीसीटीवी कैमरा लगा दिया जाता है। केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' को स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। जिस परिसर में यह स्ट्रांग रूम बना है, उसकी चौकसी दिल्ली पुलिस करती है। यह स्ट्रांग रूम अब चार दिसंबर यानी मतदान वाले दिन सुबह दो-तीन बजे 'आरओ' की उपस्थिति में खुलेगा। उस दौरान उम्मीदवार भी मौजूद रहते हैं।
एक विधानसभा क्षेत्र में जितने भी वार्ड हैं, उनके सभी उम्मीदवार वहां पर आते हैं। इसके बाद ईवीएम को मतदान केंद्र पर भेजा जाता है। शांतिपूर्वक तरीके से मतदान संपन्न कराने के लिए दिल्ली पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को मिलाकर करीब तीस हजार सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। संवेदनशील मतदान केंद्रों के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। सुरक्षा इंतजाम जांचने के लिए उड़नदस्तों का गठन किया गया है।