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Uttarakhand Budget Session 2023 Speaker said raising slogans against Governor is an insult to dignity of house
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Uttarakhand Budget Session 2023: स्पीकर बोलीं- राज्यपाल के खिलाफ नारे लगाना सदन की गरिमा का अपमान
अमर उजाला ब्यूरो, भराड़ीसैंण
Published by: अलका त्यागी
Updated Mon, 13 Mar 2023 10:33 PM IST
सार
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स्पीकर ने कहा कि विपक्ष को सदन में अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन राज्यपाल अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने जो किया उससे वे दुखी हैं।
बजट सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल
- फोटो : अमर उजाला
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि बजट अभिभाषण के दौरान विपक्ष की ओर से राज्यपाल के खिलाफ नारे लगाना सदन की गरिमा का अपमान है। विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को संयम रखने की जरूरत है। सोमवार को विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष का वेल में आकर हंगामा करना और राज्यपाल के गो बैक के नारे लगाने से विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण भी आहत हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को सदन में अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन राज्यपाल अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने जो किया उससे वे दुखी हैं। राज्यपाल किसी पार्टी के नहीं होते हैं, वे पूरे उत्तराखंड के लोगों के राज्यपाल हैं। विपक्ष ने नारेबाजी कर सेना के साथ ही सदन की गरिमा का अपमान किया है। विपक्ष के वरिष्ठ नेता ही युवा विधायकों को नारे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे, इससे स्पष्ट होता है कि विपक्ष के नेता युवा सदस्यों को क्या सीख दे रहे हैं।
हमने मर्यादित आचरण किया, अभिभाषण में विजन नहीं: विपक्ष
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विरोध प्रदर्शन करने को लेकर सत्ता पक्ष की आलोचनाओं के बीच विपक्ष ने अपने आचरण को मर्यादित बताया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने मर्यादा में रहकर लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग किया है। राज्यपाल के अभिभाषण में ऐसा कुछ भी नहीं कि उसकी तारीफ की जाए। अभिभाषण में विजन की कमी है। मंगलवार को चर्चा के दौरान हम अपनी बात रखेंगे। इसके साथ ही सदन में काम रोको प्रस्ताव के तहत भर्ती घोटाला और गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने की मांग का मुद्दा उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि अभिभाषण में कोई सोच नहीं दिखाई दी। अभिभाषण में पुरानी लकीर पर चलने का काम हुआ है, आज कई ज्वलंत प्रश्न हैं। रोजगार का सवाल नदारद है। आपदा क्षेत्रों के लिए पुनर्वास नीति नदारद है। कर्णप्रयाग में दरारें पड़ी हैं, मुन्स्यारी खत्म हो रहा है लेकिन ये दोनों मुद्दे अभिभाषण में नहीं हैं, गैरसैंण तक का जिक्र नहीं है। हंगामा काटना हमारी फितरत नहीं है लेकिन नियमों के तहत प्रश्न उठाना हमारी जिम्मेदारी है। सरकार के मंत्री तैयारी करके नहीं आते तो इसमें दोष विपक्ष का नहीं है।
राज्यपाल का अभिभाषण प्रदेश सरकार का दस्तावेज होता है। सभी जानते हैं कि पिछले एक साल में वर्तमान सरकार ने कुछ नहीं किया। लोग भ्रष्टाचार, घोटाले, बेरोजगारी और महंगाई से त्रस्त हैं। हम सदन में काम रोको प्रस्ताव के तहत हम गन्ना किसानों और बेरोजगारों का मुद्दा उठाएंगे। -प्रीतम सिंह, विधायक, कांग्रेस
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