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प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए पहली बार परिवहन थाने खोलने की तैयारी है। इसे लेकर मुख्यमंत्री भी सहमति जता चुके हैं, जिसके बाद परिवहन अधिकारियों ने जमीन तलाशना शुरू कर दिया है। शुरुआत में दुर्घटनाओं की दृष्टि से सबसे संवेदनशील चार जिलों में यह थाने खोले जाएंगे।
प्रदेश में 2016-17 में 601 सड़क हादसों में 418 लोगों की मौत और 639 लोग घायल हुए। इन हादसों में से 536 हादसे केवल देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में हुए हैं। इसे देखते हुए शासन ने सख्ती से वाहनों की जांच और नियम तोड़ने वाले वाहनों को सीज करने का फैसला लिया है।
लेकिन असली मसला सीज किए गए वाहनों को रखने का है। अभी परिवहन विभाग नियम तोड़ने वाले वाहनों को पुलिस थानों में बंद करता है। पुलिस की कार्रवाई में भी सीज वाहनों को थाने में रखा जाता है, इसके चलते थानों में जगह कम पड़ जाती है। इसके चलते कई बार टीमें केवल वाहनों को चालान कर छोड़ देती हैं।
यह मामला कई स्तर पर उठ भी चुका है। ऐसे में चेकिंग को मजबूत करने और नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई के लिए परिवहन थाने खोले जाएंगे। इन थानों में पकड़े गए वाहनों को रखा जाएगा, इसके अलावा चेकिंग से जुड़ा स्टाफ भी तैनात रहेगा। चेकिंग से जुड़े कई काम इन्हीं थाने से होंगे। परिवहन थाने खुलने से वाहनों की चेकिंग में पारदर्शिता आएगी, वहीं, नियम तोड़ने वाले वाहनों की सीज किए जाने से सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है।
परिवहन विभाग की टीम द्वारा सीज किए जाने वाले वाहनों की संख्या घटी है। 2015-16 में चेकिंग में 1577 वाहनों को सीज किया गया था, यह आंकड़ा 2017-18 में घटकर 1301 में रह गया है। जबकि, चालान की संख्या बढ़ी है। पिछली बार टीमों ने 11,521 वाहनों का चालान किया था, इस बार चालान की संख्या 11,780 पर पहुंच गई है। आंकड़े बताते हैं कि नियम तोड़ने वाले वाहनों को सीज करने में कमी आई है।
अपर परिवहन आयुक्त सुनीत सिंह ने बताया कि सड़क हादसों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के चार जिलों में थाने खोलने की तैयारी है, इस दिशा में आवश्यक कदम उठाया जा रहा है। थाने खुलने से बंद वाहनों को रखने के अलावा चेकिंग का काम और मजबूती से हो सकेगा।
प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए पहली बार परिवहन थाने खोलने की तैयारी है। इसे लेकर मुख्यमंत्री भी सहमति जता चुके हैं, जिसके बाद परिवहन अधिकारियों ने जमीन तलाशना शुरू कर दिया है। शुरुआत में दुर्घटनाओं की दृष्टि से सबसे संवेदनशील चार जिलों में यह थाने खोले जाएंगे।
प्रदेश में 2016-17 में 601 सड़क हादसों में 418 लोगों की मौत और 639 लोग घायल हुए। इन हादसों में से 536 हादसे केवल देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में हुए हैं। इसे देखते हुए शासन ने सख्ती से वाहनों की जांच और नियम तोड़ने वाले वाहनों को सीज करने का फैसला लिया है।
लेकिन असली मसला सीज किए गए वाहनों को रखने का है। अभी परिवहन विभाग नियम तोड़ने वाले वाहनों को पुलिस थानों में बंद करता है। पुलिस की कार्रवाई में भी सीज वाहनों को थाने में रखा जाता है, इसके चलते थानों में जगह कम पड़ जाती है। इसके चलते कई बार टीमें केवल वाहनों को चालान कर छोड़ देती हैं।
इन थानों में क्या-क्या काम होगा, जानिए
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यह मामला कई स्तर पर उठ भी चुका है। ऐसे में चेकिंग को मजबूत करने और नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई के लिए परिवहन थाने खोले जाएंगे। इन थानों में पकड़े गए वाहनों को रखा जाएगा, इसके अलावा चेकिंग से जुड़ा स्टाफ भी तैनात रहेगा। चेकिंग से जुड़े कई काम इन्हीं थाने से होंगे। परिवहन थाने खुलने से वाहनों की चेकिंग में पारदर्शिता आएगी, वहीं, नियम तोड़ने वाले वाहनों की सीज किए जाने से सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है।
परिवहन विभाग की टीम द्वारा सीज किए जाने वाले वाहनों की संख्या घटी है। 2015-16 में चेकिंग में 1577 वाहनों को सीज किया गया था, यह आंकड़ा 2017-18 में घटकर 1301 में रह गया है। जबकि, चालान की संख्या बढ़ी है। पिछली बार टीमों ने 11,521 वाहनों का चालान किया था, इस बार चालान की संख्या 11,780 पर पहुंच गई है। आंकड़े बताते हैं कि नियम तोड़ने वाले वाहनों को सीज करने में कमी आई है।
अपर परिवहन आयुक्त सुनीत सिंह ने बताया कि सड़क हादसों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के चार जिलों में थाने खोलने की तैयारी है, इस दिशा में आवश्यक कदम उठाया जा रहा है। थाने खुलने से बंद वाहनों को रखने के अलावा चेकिंग का काम और मजबूती से हो सकेगा।