मसूरी के विधायक गणेश जोशी का शक्तिमान प्रकरण से पल्ला छूट गया है। गृह विभाग ने शक्तिमान की मौत के मामले में जोशी के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं में दर्ज मुकदमा वापस लेने का फरमान जारी कर दिया है। लगभग डेढ़ साल पहले दर्ज यह मामला काफी सुर्खियों में रहा है।
बीते वर्ष 14 मार्च को बजट सत्र के दौरान भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा तक रैली निकाली थी। इस दौरान पुलिस कर्मियों व भाजपा समर्थकों के बीच झड़प भी हुई थी। आरोप है कि इस दौरान भाजपा विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीनकर उन्हीं पर बरसाना शुरू कर दिया।
लाठी की कुछ चोटें पुलिस के घोड़े शक्तिमान को भी आईं, जिसके चलते वह घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। इस सिलसिले में पुलिस ने जोशी के खिलाफ बलवे और मारपीट के अलावा पशु क्रूरता अधिनियम का मामला दर्ज कराया था। इस मामले की सीबीसीआइडी जांच के आदेश भी दिए गए थे।
इधर, भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद तमाम भाजपाइयों पर दर्ज मुकदमों की वापसी का क्रम शुरू हुआ, जिसमें शक्तिमान प्रकरण की फाइल भी चली। नौ अक्टूबर को गृह विभाग के अपर सचिव अजय रौतेला ने इस मामले की वापसी का आदेशा जारी कर दिया।
मसूरी के विधायक गणेश जोशी का शक्तिमान प्रकरण से पल्ला छूट गया है। गृह विभाग ने शक्तिमान की मौत के मामले में जोशी के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं में दर्ज मुकदमा वापस लेने का फरमान जारी कर दिया है। लगभग डेढ़ साल पहले दर्ज यह मामला काफी सुर्खियों में रहा है।
बीते वर्ष 14 मार्च को बजट सत्र के दौरान भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा तक रैली निकाली थी। इस दौरान पुलिस कर्मियों व भाजपा समर्थकों के बीच झड़प भी हुई थी। आरोप है कि इस दौरान भाजपा विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीनकर उन्हीं पर बरसाना शुरू कर दिया।