केदारनाथ में एमआई-26 हेलीकॉप्टर उतारने की राह में मौसम बाधा बना हुआ है। अगर मौसम का साथ मिला तो 28 दिसंबर को एमआई 26 धाम में पहुंच सकता है। इस हेलीकॉप्टर से भारी मशीनों को केदारनाथ पहुंचाया जाना है, ताकि नदी के तट समेत अन्य बड़े निर्माण कार्य हो सकेंगे।
बड़ी मशीनरी की जरूरत
प्रदेश सरकार ने केदारनाथ में काम जारी रखने के लिए 15 जनवरी तक का समय तय किया है। काम में तेजी लाने के लिए बड़ी मशीनरी की जरूरत है। इन्हें सेना के मालवाहक हेलीकॉप्टर एमआई-26 के जरिये पहुंचाया जाना है।
पहले हेलीकॉप्टर को उतारने के लिए 12 दिसंबर का दिन तय था, लेकिन तब हेलीपैड तैयार नहीं हो सका। हेलीपैड तैयार हुआ, तो फिर बर्फबारी ने राह रोक ली। अब हेलीपैड से बर्फ हटा ली गई है, लेकिन मौसम का साथ नहीं मिल रहा है।
केदारनाथ में निर्माण कार्य में जुटे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के सूत्रों के मुताबिक सब कुछ ठीक रहा तो 28 दिसंबर को हेलीकॉप्टर केदारनाथ में उतर सकेगा।
हिमस्खलन का भी खतरा
एमआई-26 को केदारनाथ में उतारने में यह डर भी है कि कहीं इस वजह से आसपास हिमस्खलन न हो जाए। क्यों बर्फ ताजा है। इस स्थिति को देखते हुए अब बर्फ के स्थिर होने या फिर पिघलने का इंतजार किया जा रहा है।
ध्वस्तीकरण पर गतिरोध जारी
एक ओर केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर भवनों के ध्वस्तीकरण पर गतिरोध जारी है। केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी कह रहे हैं कि पुरोहितों के सामने सरकार को एक बार सख्त रुख अपनाना होगा।
दरअसल, केदारनाथ में जून 2013 आपदा में क्षतिग्रस्त मकानों को तोड़कर सरकार नए भवन बनाने की कोशिश में हैं। करीब 10 सरकारी भवन ध्वस्त किए जा चुके हैं। लेकिन पुरोहित समुदाय अपने भवनों को तुड़वाने के लिए तैयार नहीं है।
केदारनाथ में एमआई-26 हेलीकॉप्टर उतारने की राह में मौसम बाधा बना हुआ है। अगर मौसम का साथ मिला तो 28 दिसंबर को एमआई 26 धाम में पहुंच सकता है। इस हेलीकॉप्टर से भारी मशीनों को केदारनाथ पहुंचाया जाना है, ताकि नदी के तट समेत अन्य बड़े निर्माण कार्य हो सकेंगे।
बड़ी मशीनरी की जरूरत
प्रदेश सरकार ने केदारनाथ में काम जारी रखने के लिए 15 जनवरी तक का समय तय किया है। काम में तेजी लाने के लिए बड़ी मशीनरी की जरूरत है। इन्हें सेना के मालवाहक हेलीकॉप्टर एमआई-26 के जरिये पहुंचाया जाना है।
पहले हेलीकॉप्टर को उतारने के लिए 12 दिसंबर का दिन तय था, लेकिन तब हेलीपैड तैयार नहीं हो सका। हेलीपैड तैयार हुआ, तो फिर बर्फबारी ने राह रोक ली। अब हेलीपैड से बर्फ हटा ली गई है, लेकिन मौसम का साथ नहीं मिल रहा है।
केदारनाथ में निर्माण कार्य में जुटे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के सूत्रों के मुताबिक सब कुछ ठीक रहा तो 28 दिसंबर को हेलीकॉप्टर केदारनाथ में उतर सकेगा।
हिमस्खलन का भी खतरा
एमआई-26 को केदारनाथ में उतारने में यह डर भी है कि कहीं इस वजह से आसपास हिमस्खलन न हो जाए। क्यों बर्फ ताजा है। इस स्थिति को देखते हुए अब बर्फ के स्थिर होने या फिर पिघलने का इंतजार किया जा रहा है।
ध्वस्तीकरण पर गतिरोध जारी
एक ओर केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर भवनों के ध्वस्तीकरण पर गतिरोध जारी है। केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी कह रहे हैं कि पुरोहितों के सामने सरकार को एक बार सख्त रुख अपनाना होगा।
दरअसल, केदारनाथ में जून 2013 आपदा में क्षतिग्रस्त मकानों को तोड़कर सरकार नए भवन बनाने की कोशिश में हैं। करीब 10 सरकारी भवन ध्वस्त किए जा चुके हैं। लेकिन पुरोहित समुदाय अपने भवनों को तुड़वाने के लिए तैयार नहीं है।