न्यूज डेस्क, अमर उजाला, , देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Fri, 01 Nov 2019 08:30 AM IST
करीब 1100 करोड़ की लागत वाली सौंग बांध पेयजल परियोजना के डिजाइन को केंद्रीय जल आयोग ने मंजूरी दे दी है। देहरादून शहर को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराने और रिस्पना नदी को पुनर्जीवन देने वाली यह योजना प्रदेश सरकार की अति महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल है।
सिंचाई सचिव भूपिंदर कौर औलख के मुताबिक केंद्रीय जल आयोग ने यह सैद्धांतिक स्वीकृति बृहस्पतिवार को जारी की। इसके अतिरिक्त बांध के लिए तकनीकी एवं हाइड्रोलॉजी से संबंधित सैद्धांतिक स्वीकृति भी जारी कर दी गई है।
मूल रूप से सौंग नदी पर बनने वाले इस बांध की ऊंचाई करीब 148 मीटर है और इससे छह मेगावाट तक की बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी रखा गया है। देहरादून में सौंधाना गांव के समीप प्रस्तावित यह परियोजना प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना की बदौलत प्रदेश सरकार देहरादून को 24 घंटे पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने की योजना भी बनाए हुए हैं।
इसके साथ ही इस बांध के अतिरिक्त पानी को देहरादून में रिस्पना नदी में छोड़े जाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। रिस्पना को पुनर्जीवित करने के लिए प्रदेश सरकार ऋषिपर्णा के नाम से अभियान भी छेड़े हुए है।
सिंचाई विभाग के मुताबिक डिजाइन को स्वीकृति मिलने से अब बांध परियोजना को लेकर तेजी से काम हो सकेगा। इस परियोजना के लिए प्रदेश सरकार बाह्य सहायता से फंड जुटाने की कोशिश भी कर रही है और केंद्रीय वित्त मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।
करीब 1100 करोड़ की लागत वाली सौंग बांध पेयजल परियोजना के डिजाइन को केंद्रीय जल आयोग ने मंजूरी दे दी है। देहरादून शहर को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराने और रिस्पना नदी को पुनर्जीवन देने वाली यह योजना प्रदेश सरकार की अति महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल है।
सिंचाई सचिव भूपिंदर कौर औलख के मुताबिक केंद्रीय जल आयोग ने यह सैद्धांतिक स्वीकृति बृहस्पतिवार को जारी की। इसके अतिरिक्त बांध के लिए तकनीकी एवं हाइड्रोलॉजी से संबंधित सैद्धांतिक स्वीकृति भी जारी कर दी गई है।
मूल रूप से सौंग नदी पर बनने वाले इस बांध की ऊंचाई करीब 148 मीटर है और इससे छह मेगावाट तक की बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी रखा गया है। देहरादून में सौंधाना गांव के समीप प्रस्तावित यह परियोजना प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना की बदौलत प्रदेश सरकार देहरादून को 24 घंटे पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने की योजना भी बनाए हुए हैं।
इसके साथ ही इस बांध के अतिरिक्त पानी को देहरादून में रिस्पना नदी में छोड़े जाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। रिस्पना को पुनर्जीवित करने के लिए प्रदेश सरकार ऋषिपर्णा के नाम से अभियान भी छेड़े हुए है।
सिंचाई विभाग के मुताबिक डिजाइन को स्वीकृति मिलने से अब बांध परियोजना को लेकर तेजी से काम हो सकेगा। इस परियोजना के लिए प्रदेश सरकार बाह्य सहायता से फंड जुटाने की कोशिश भी कर रही है और केंद्रीय वित्त मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।