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Chhattisgarh: मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपियों की संपत्ति अटैच, सौम्या चौरसिया को चार दिन की ईडी रिमांड

अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर Published by: आकाश दुबे Updated Sat, 10 Dec 2022 04:03 PM IST
सार

ईडी ने मामले की तफ्तीश के बाद सीएम भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी की 152 करोड़ से ज्यादा रकम की संपत्ति को अटैच किया है।

ED attaches assets of Saumya and Suryakant Tiwari in Chhattisgarh coal transporting and money laundering case
सौम्या चौरसिया (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ कोल ट्रांसपोर्टिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मामले की तफ्तीश के बाद सीएम भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी की 152 करोड़ से ज्यादा रकम की संपत्ति को अटैच किया है। वहीं आज मामले में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। सौम्या चौरसिया को चार दिन की ईडी रिमांड में भेजा गया है और सूर्यकांत तिवारी, समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत और सुनील अग्रवाल 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे।

जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने सूर्यकांत तिवारी की 65 प्रॉपर्टी को अटैच किया है। सौम्या चौरसिया की 21 प्रॉपर्टी और आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई की पांच प्रापर्टी को ईडी ने अटैच किया है। इन सभी की संपत्तियों को मिलाकर 152 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को अटैक किया है। वहीं मामले में आज सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, समीर विश्नोई, सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

ईडी के मुताबिक कोरबा और रायगढ़ के डीसी कार्यालयों में खनन विभागों सहित 75 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली और साक्ष्य जुटाए गए। ईडी ने करीब 100 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। ईडी के अनुसार, जांच से पता चला कि एक बड़ी साजिश के तहत, नीतिगत बदलाव किए गए और खनन निदेशक ने 15 जुलाई 2020 को परिवहन परमिट जारी करने की एक मौजूदा ऑनलाइन प्रणाली को संशोधित करने के लिए एक मैनुअल व्यवस्था शुरू करने के लिए एक सरकारी आदेश जारी किया। जहां कोयला उपयोगकर्ताओं को राज्य खनन अधिकारियों के पास एनओसी के लिए आवेदन करने के लिए मजबूर किया गया था। सरकार के इस आदेश से परिवहन किए गए कोयले पर 25 रुपये प्रति टन की दर से जबरन वसूली हुई।

सूर्यकांत तिवारी ने मामले में जमीनी स्तर पर मुख्य भूमिका निभाई, जिन्होंने कोयला ट्रांसपोर्टरों और उद्योगपतियों से पैसे ऐंठने के लिए अपने कर्मचारियों को विभिन्न क्षेत्रों में तैनात किया और उनकी टीम ने निचले स्तर के सरकारी अधिकारियों और कोयला ट्रांसपोर्टरों और उपयोगकर्ता कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय बिठाया। ईडी की जांच में सामने आया है कि पिछले 2 साल में कम से कम 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई है। ईडी ने हजारों हस्तलिखित डायरी प्रविष्टियों का विश्लेषण किया है।

ईडी ने न केवल डायरी प्रविष्टियों को देखा, पुष्टि करने के लिए बैंक खाते के विश्लेषण, जब्त किए गए व्हाट्सएप चैट के विश्लेषण, बयानों की रिकॉर्डिंग आदि सहित विस्तृत जांच की है। ईडी ने उस कार्यप्रणाली का पर्दाफाश किया है जहां जबरन वसूली सिंडिकेट के प्रभावशाली सदस्यों जैसे सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई आदि ने बेनामी संपत्ति बनाने के लिए अपने रिश्तेदारों का इस्तेमाल किया है।
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