अमेरिका की नागरिकता एवं आव्रजन एजेंसी ने कहा है कि कोविड-19 की राष्ट्रीय आपात स्थिति की वजह से समस्याओं का सामना कर रहे गैर आव्रजन वीजा धारकों के वीजा विस्तार का निर्णय मामला दर मामला किया जाएगा। इसमें भारत समेत कई देशों के नागरिक शामिल हैं।
भारत के हिसाब से देखें, तो गैर प्रवासी वीजा में मुख्य रूप से बी-1 और बी-2 वीजा हैं, जो कारोबार या यात्रा के लिए दिए जाते हैं। इसके अलावा एफ-1वीजा विद्यार्थियों को, जे-वन वीजा आदान प्रदान के तहत मुख्य रूप से शोधार्थियों और चिकित्सकों को, एच-वनबी आईटी पेशेवरों और एलवन अंतर कंपनी स्थानांतरण के संबंध में कार्यकारी स्तरों पर दिया जाता है।
लोगों की मदद के लिए उठाए कदम
अमेरिका नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने लोगों, कर्मचारियों और अन्य की मदद के लिए कदम उठाए हैं ताकि कोरोना वायरस की वजह से उपजी आव्रजन संबंधी दिक्कतें दूर की जा सके।
इन लोगों को मिल सकता है वीजा विस्तार
इस संदर्भ में यूएससीआईएस के प्रवक्ता ने बताया कि, ‘‘जो लोग अमेरिका में हैं और उन्हें गैर आव्रजन वीजा में विस्तार की जरूरत है तो स्थितियों के आधार पर वीजा विस्तार मिल सकता है।’’
यह मामला दर मामला होगा। प्रवक्ता ने कहा कि आग्रह के आधार पर यूएससीआईएस परिस्थितियों से प्रभावित लोगों को विशेष सहायता भी प्रदान कर सकता है।
मौजूदा समय में यह है नियम
नियम के अनुसार, अगर किसी एच-1बी धारक का नियोक्ता उनका अनुबंध रद्द करता है तो कर्मचारी को यह वीजा स्थिति बरकरार रखने के लिए 60 दिन के भीतर नौकरी पाने की जरूरत होती है। भारत के आईटी कर्मचारी इस 60 दिन को 180 दिन करने की मांग कर रहे हैं। यूएससीआईएस के अनुसार भारतीय एच-1बी वीजा कार्यक्रम के सबसे बड़े लाभार्थी हैं।