एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि इस साल लोग किसी भी प्रकार के बड़े खर्चे से बचने की योजना बना रहे हैं। प्रॉपर्टी खरीदने से लेकर कार खरीदने तक लोग बड़ी रकम खर्च करने से कतरा रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, लगभग 80 फीसदी से ज्यादा परिवारों ने इस राय पर सहमति जताई है। हालांकि, सर्वे कंपनी के संस्थापक सचिन टापरिया ने कहा, ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ आई तीसरी लहर का आर्थिक स्थिति पर प्रभाव अस्थायी है।
47 हजार परिवारों पर किया गया सर्वे
यह सर्वे लोकल सर्किल द्वारा देश के 47,000 परिवारों पर किया गया और नए साल में खर्च को लेकर उनसे सवाल पूछे। लोगों ने जो राय व्यक्त की वो चौंकाने वाली थी और इससे साफ होता है कि कहीं न कहीं कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने लोगों की खरीदारी की भावना को प्रभावित किया है। सर्वे में सामने आया कि 2022 में हर पांच परिवारों में से चार ने संपत्ति या फिर चार पहिया वाहन खरीदने के लिए मना कर दिया।
आभूषण बाजार भी गिरने की उम्मीद
इस सर्वे के दौरान इसमें शामिल 78 फीसदी परिवारों ने कहा कि उनकी नए साल में आभूषण खरीदने की कोई योजना नहीं है। यानी एक ओर जहां साल 2021 में भारतीय लोगों ने सोने की खरीदारी करने में बीते दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, तो साल 2022 में आभूषण खरीदारी से कतरा रहे परिवारों को देख ये कहना गलत न होगा कि आभूषण उद्योग परेशानी में पहुंच सकता है।
15 फीसदी खुलकर खर्च करने के पक्ष में
सर्वे के अनुसार, इसमें शामिल 47 हजार परिवारों में से केवल 15 प्रतिशत परिवार ऐसे थे जो कि किसी प्रकार की संपत्ति, नई कार या फिर अपने लिए आभूषण बनवाने के पर खर्च करना चाह रहे हैं। सात परिवारों में से एक ने आवासीय संपत्ति खरीदने के लिए हां कहा, तो दूसरी ओर हर छह में से एक परिवार चार पहिया वाहन खरीदने की अपनी इच्छा को जाहिर किया।
स्वास्थ्य बीमा बरकरार रखने की चाह
कोविड-19 के मामलों तेजी के चलते सर्वे में शामिल ज्यादातर परिवार अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक नजर आए। इस सर्वेक्षण में सामने आया कि भारी बहुमत करीब 67 फीसदी अपने स्वास्थ्य बीमा को बरकरार रखना चाहते थे। हालांकि इनमें से केवल 15 प्रतिशत परिवार ही अपने स्वास्थ्य बीमा की कवरेज की राशि बढ़ाना चाहते थे।
सोने में निवेश के बजाय एमएफ में रुचि
साल 2022 के लिए छह फीसदी परिवार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की योजना बना रहे है, जो कि पेट्रोल कार खरीदने में दिलचस्पी रखने वालों से थोड़ा पीछे थे। वहीं डीजल कार की बात करें तो महज तीन फीसदी लोगों का कहना है कि वे इस नए साल में डीजल कार खरीदने के इच्छुक थे। सर्वेक्षण के अनुसार,40 फीसदी लोगों ने बचत जमा या सोने में अपना पैसा लगाने के बजाय स्टॉक और म्यूचुअल फंड खरीदने की योजना बनाई। इसकी वजह यह है कि सर्वे में शामिल 20 प्रतिशत लोग टियर-3 और4 शहरों और ग्रामीण स्थानों से थे।
विस्तार
एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि इस साल लोग किसी भी प्रकार के बड़े खर्चे से बचने की योजना बना रहे हैं। प्रॉपर्टी खरीदने से लेकर कार खरीदने तक लोग बड़ी रकम खर्च करने से कतरा रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, लगभग 80 फीसदी से ज्यादा परिवारों ने इस राय पर सहमति जताई है। हालांकि, सर्वे कंपनी के संस्थापक सचिन टापरिया ने कहा, ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ आई तीसरी लहर का आर्थिक स्थिति पर प्रभाव अस्थायी है।
47 हजार परिवारों पर किया गया सर्वे
यह सर्वे लोकल सर्किल द्वारा देश के 47,000 परिवारों पर किया गया और नए साल में खर्च को लेकर उनसे सवाल पूछे। लोगों ने जो राय व्यक्त की वो चौंकाने वाली थी और इससे साफ होता है कि कहीं न कहीं कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने लोगों की खरीदारी की भावना को प्रभावित किया है। सर्वे में सामने आया कि 2022 में हर पांच परिवारों में से चार ने संपत्ति या फिर चार पहिया वाहन खरीदने के लिए मना कर दिया।
आभूषण बाजार भी गिरने की उम्मीद
इस सर्वे के दौरान इसमें शामिल 78 फीसदी परिवारों ने कहा कि उनकी नए साल में आभूषण खरीदने की कोई योजना नहीं है। यानी एक ओर जहां साल 2021 में भारतीय लोगों ने सोने की खरीदारी करने में बीते दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, तो साल 2022 में आभूषण खरीदारी से कतरा रहे परिवारों को देख ये कहना गलत न होगा कि आभूषण उद्योग परेशानी में पहुंच सकता है।
15 फीसदी खुलकर खर्च करने के पक्ष में
सर्वे के अनुसार, इसमें शामिल 47 हजार परिवारों में से केवल 15 प्रतिशत परिवार ऐसे थे जो कि किसी प्रकार की संपत्ति, नई कार या फिर अपने लिए आभूषण बनवाने के पर खर्च करना चाह रहे हैं। सात परिवारों में से एक ने आवासीय संपत्ति खरीदने के लिए हां कहा, तो दूसरी ओर हर छह में से एक परिवार चार पहिया वाहन खरीदने की अपनी इच्छा को जाहिर किया।
स्वास्थ्य बीमा बरकरार रखने की चाह
कोविड-19 के मामलों तेजी के चलते सर्वे में शामिल ज्यादातर परिवार अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक नजर आए। इस सर्वेक्षण में सामने आया कि भारी बहुमत करीब 67 फीसदी अपने स्वास्थ्य बीमा को बरकरार रखना चाहते थे। हालांकि इनमें से केवल 15 प्रतिशत परिवार ही अपने स्वास्थ्य बीमा की कवरेज की राशि बढ़ाना चाहते थे।
सोने में निवेश के बजाय एमएफ में रुचि
साल 2022 के लिए छह फीसदी परिवार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की योजना बना रहे है, जो कि पेट्रोल कार खरीदने में दिलचस्पी रखने वालों से थोड़ा पीछे थे। वहीं डीजल कार की बात करें तो महज तीन फीसदी लोगों का कहना है कि वे इस नए साल में डीजल कार खरीदने के इच्छुक थे। सर्वेक्षण के अनुसार,40 फीसदी लोगों ने बचत जमा या सोने में अपना पैसा लगाने के बजाय स्टॉक और म्यूचुअल फंड खरीदने की योजना बनाई। इसकी वजह यह है कि सर्वे में शामिल 20 प्रतिशत लोग टियर-3 और4 शहरों और ग्रामीण स्थानों से थे।