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Former Vice Chairman of NITI Aayog said necessary to bring online gaming under the purview of money laundering
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Online Gaming: नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा- ऑनलाइन गेमिंग को मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में लाना जरूरी
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 07 Feb 2023 06:10 AM IST
सार
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रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में फ्लाई-बाई-नाइट ऑपरेटरों की उपस्थिति, चांस एवं गैंबलिंग वाले खेलों को स्किल गेम्स के साथ रखने की सतत समस्या और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका सहित कई चुनौतियां हैं।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में लाना चाहिए। साथ ही, इसके लिए सख्त नियामक की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में पहले से ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) है। सभी ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेटरों को इसके दायरे में लाना चाहिए। इसके अलावा, सभी ऑपरेटरों के पास 24 घंटे सातों दिन हेल्पलाइन सहित मजबूत शिकायत निवारण तंत्र भी होना चाहिए, जो ग्राहकों को जिम्मेदार गेमिंग साधनों पर सवालों के जवाब पाने में मददगार हो।
राजीव कुमार पहले इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं। उन्होंने सोमवार को इसी फाउंडेशन की ऑनलाइन गेमिंग पर एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक मजबूत नियामक प्रणाली होने से वैध ऑपरेटरों को ऑनलाइन स्किल गेमर्स को बनाए रखने में मदद मिलेगी। ग्राहकों का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा और जिम्मेदारी से खेल को बढ़ावा मिलेगा। यह रिपोर्ट विशेषज्ञों व संबंधित पक्षों से बातचीत के आधार पर बनाई गई है।
24 घंटे सातों दिन के लिए हो हेल्पलाइन व मजबूत शिकायत निवारण तंत्र।
कई चुनौतियां, जिनसे निपटने की जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में फ्लाई-बाई-नाइट ऑपरेटरों की उपस्थिति, चांस एवं गैंबलिंग वाले खेलों को स्किल गेम्स के साथ रखने की सतत समस्या और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका सहित कई चुनौतियां हैं। इनसे निपटने के लिए एक ऐसे वैधानिक नियामक या गेमिंग आयोग का गठन होना चाहिए, जो सेक्टर के दैनिक कामकाज को नियंत्रित करने के लिए लाइसेंस देने, मानकों, नियमों को बनाने और उनके अनुपालन के ऑडिट के लिए जिम्मेदार हो।
पांच क्षेत्र, जिन पर ध्यान देना जरूरी
विनियमन के पांच प्रमुख क्षेत्र विपणन एवं विज्ञापन, नाबालिगों की सुरक्षा, जिम्मेदारी से खेलने की व्यवस्था देना, मनी लॉन्ड्रिंग, वित्तीय धोखाधड़ी से सुरक्षा के उपाय और शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना हैं। विपणन-विज्ञापन सामग्री में आवश्यक सूचना एवं चेतावनियां होनी चाहिए। विज्ञापनों में नाबालिग या नशा करने वालों को लक्ष्य नहीं किया जाना चाहिए। विज्ञपन उन उन मंचों पर नहीं दिखाए जाने चाहिए, जो नाबालिगों के लिए हैं।
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