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Cheap Loan: वित्तीय सूचना रजिस्ट्री बिल का मसौदा तैयार, मिलेगा सस्ता कर्ज

एजेंसी, नई दिल्ली Published by: Jeet Kumar Updated Mon, 06 Feb 2023 06:25 AM IST
सार

आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा, अगर कर्जदाता के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है तो इससे जोखिम पैदा होगा। इस तरह, ब्याज दर बढ़ जाएगी। दूसरी ओर, अगर जोखिमों को अच्छी तरह से समझा जाएगा तो बेहतर कीमत पर कर्ज मिल सकेगा।

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Istock

विस्तार

कर्ज की पहुंच बढ़ाने और इसे किफायती बनाने के लिए आरबीआई ने राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री (एनएफआईआर) गठित करने का विधेयक का मसौदा तैयार किया है। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि सितंबर में वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऋण संग्राहक बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा की थी।



सेठ ने कहा, विधेयक पर विचार हो रहा है। इसका मकसद कर्ज संबंधित जानकारी के लिए एक सार्वजनिक बुनियादी ढांचा बनाना है। एनएफआईआर कर्ज देने वाली एजेंसियों को सही जानकारी मुहैया कराएगी। यह वित्तीय और सहायक जानकारी के केंद्रीय भंडार के रूप में काम करेगी। कर्ज के अलावा प्रस्तावित एनएफआईआर कर भुगतान, बिजली खपत के रुझान जैसी सहायक जानकारी भी रखेगा।


-कर भुगतान और बिजली खपत के रुझान जैसी सहायक जानकारी भी रखेगी राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री

जानकारी मिलने से घटेगा जोखिम
आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा, अगर कर्जदाता के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है तो इससे जोखिम पैदा होगा। इस तरह, ब्याज दर बढ़ जाएगी। दूसरी ओर, अगर जोखिमों को अच्छी तरह से समझा जाएगा तो बेहतर कीमत पर कर्ज मिल सकेगा। उन्होंने कहा, प्रस्तावित संस्था कर्जों के उचित मूल्य निर्धारण में भी मददगार साबित होगी।

एमपीसी बैठक आज से, फिर बढ़ सकती है रेपो दर
मुंबई। महंगाई में नरमी के बीच आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक सोमवार से शुरू होने वाली है। इसके नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक इस बार भी रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। हाउसिंग डॉट कॉम के समूह सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा, आरबीआई रेपो दर में मामूली वृद्धि पर कायम रहेगा। 2023 में आगे चलकर दरों में वृद्धि सिलसिला थम सकता है। एजेंसी

चीन पर आयात निर्भरता कम करने की जरूरत ः नीति आयोग
 भारत का ध्यान चीन के साथ कुल व्यापार घाटे पर नहीं होना चाहिए, बल्कि कुछ अहम चीजों के आयात पर निर्भरता घटाने पर होना चाहिए।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने रविवार को कहा कि सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए आपूर्ति श्रृंखला सहित अहम कच्चे माल की आपूर्ति के लिए अन्य स्रोतों में विविधता लाने की जरूरत है। चीन एपीआई का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। कई भारतीय कंपनियां विभिन्न दवाओं के उत्पादन के लिए सामग्री के आयात पर निर्भर हैं। व्यापार घाटे पर कहा, इसे कम करने के लिए क्षेत्रवार रणनीति बनानी होगी। भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 2022 में पहली बार 100 अरब डॉलर को पार कर गया।

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