बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 24 Aug 2020 01:48 PM IST
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पंजाब नेशनल बैंक के एमडी व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एसएस मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय के कारण कर्मचारियों की कोई छंटनी नहीं होगी।
इससे पहले पंजाब नेशनल बैंक ने कहा था कि दो अन्य बैंकों के विलय के बाद बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने पीएनबी के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों के विलय का फैसला किया था, जो एक अप्रैल से प्रभावी हुआ। पीएनबी ने यह भी कहा था कि मर्जर से ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि तीन बैंक एक साथ बेहतर, बड़े और मजबूत होने के लिए आ रहे हैं।
क्यों हुआ बैंकों का विलय?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इससे पहले तीन बैंकों के विलय से फायदा हुआ, रिटेल लोन ग्रोथ में 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 50 साल पहले जुलाई 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।
क्या बैंकों के विलय से दूर होगी एनपीए की समस्या?
कई सरकारी बैंकों का एनपीए काफी बढ़ गया है। जानकारों के मुताबिक कई बैंकों का एनपीए सात फीसदी के पार जा चुका है। ऐसे में विलय करने से सरकार बैंकों के एनपीए को कम कर सकेगी। बैंकों के लिए एनपीए बड़ी समस्या है। बैंकों के विलय से एनपीए की समस्या से निजात मिलेगी।
पंजाब नेशनल बैंक के एमडी व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एसएस मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय के कारण कर्मचारियों की कोई छंटनी नहीं होगी।
इससे पहले पंजाब नेशनल बैंक ने कहा था कि दो अन्य बैंकों के विलय के बाद बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने पीएनबी के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों के विलय का फैसला किया था, जो एक अप्रैल से प्रभावी हुआ। पीएनबी ने यह भी कहा था कि मर्जर से ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि तीन बैंक एक साथ बेहतर, बड़े और मजबूत होने के लिए आ रहे हैं।
क्यों हुआ बैंकों का विलय?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इससे पहले तीन बैंकों के विलय से फायदा हुआ, रिटेल लोन ग्रोथ में 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 50 साल पहले जुलाई 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।
क्या बैंकों के विलय से दूर होगी एनपीए की समस्या?
कई सरकारी बैंकों का एनपीए काफी बढ़ गया है। जानकारों के मुताबिक कई बैंकों का एनपीए सात फीसदी के पार जा चुका है। ऐसे में विलय करने से सरकार बैंकों के एनपीए को कम कर सकेगी। बैंकों के लिए एनपीए बड़ी समस्या है। बैंकों के विलय से एनपीए की समस्या से निजात मिलेगी।