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जिले के खैरा थाना अंतर्गत बादिलडीह गांव के पास से पुल निर्माण कार्य में लगे मुंशी, गार्ड समेत आठ मजदूरों का अपहरण कर लिया गया। साथ ही मजदूरों के बिस्तरों को जला डाला। घटना के पीछे माओवादियों का हाथ बताया जा रहा है। अपहृतों में से तीन दलसिंहसराय, चार हाजीपुर और एक बादिलडीह (खैरा) के रहने वाले हैं।
जानकारी के अनुसार खैरा थाना अंतर्गत किऊल नदी के बादिलडीह घाट पर पुल निर्माण का कार्य चल रहा था। रात्रि में आठ मजदूर खाना खाकर बादिलडीह घाट के किनारे बने हटमेंट में सोए हुए थे। अन्य पांच मजदूर पास के बादिलडीह गांव के धनेश्वर साह के घर सोए हुए थे।
गांव में सोए हुए मजदूर जब सुबह हटमेंट के पास आए तो वहां सोए आठों व्यक्ति गायब थे और उनके कमरे में आग लगने से सारा सामान जल चुका था। कार्य की स्थानीय स्तर पर देखरेख कर रहे मो. गुलजार ने पुलिस को इसकी सूचना दी।
सूचना पाकर एसडीपीओ वीरेन्द्र कुमार साहू के नेतृत्व में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की छानबीन के बाद छापेमारी अभियान में रोपाबेल की ओर कूच कर गई। बताते चलें कि सरकार ने कार्य का ठेका पुल निर्माण निगम को दिया था लेकिन मुंगेर के विकास सिंह और सज्जन सिंह द्वारा पेटी कांट्रैक्टर के रूप में निर्माण कार्य करवाया जा रहा था।
जिले के खैरा थाना अंतर्गत बादिलडीह गांव के पास से पुल निर्माण कार्य में लगे मुंशी, गार्ड समेत आठ मजदूरों का अपहरण कर लिया गया। साथ ही मजदूरों के बिस्तरों को जला डाला। घटना के पीछे माओवादियों का हाथ बताया जा रहा है। अपहृतों में से तीन दलसिंहसराय, चार हाजीपुर और एक बादिलडीह (खैरा) के रहने वाले हैं।
जानकारी के अनुसार खैरा थाना अंतर्गत किऊल नदी के बादिलडीह घाट पर पुल निर्माण का कार्य चल रहा था। रात्रि में आठ मजदूर खाना खाकर बादिलडीह घाट के किनारे बने हटमेंट में सोए हुए थे। अन्य पांच मजदूर पास के बादिलडीह गांव के धनेश्वर साह के घर सोए हुए थे।
गांव में सोए हुए मजदूर जब सुबह हटमेंट के पास आए तो वहां सोए आठों व्यक्ति गायब थे और उनके कमरे में आग लगने से सारा सामान जल चुका था। कार्य की स्थानीय स्तर पर देखरेख कर रहे मो. गुलजार ने पुलिस को इसकी सूचना दी।
सूचना पाकर एसडीपीओ वीरेन्द्र कुमार साहू के नेतृत्व में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की छानबीन के बाद छापेमारी अभियान में रोपाबेल की ओर कूच कर गई। बताते चलें कि सरकार ने कार्य का ठेका पुल निर्माण निगम को दिया था लेकिन मुंगेर के विकास सिंह और सज्जन सिंह द्वारा पेटी कांट्रैक्टर के रूप में निर्माण कार्य करवाया जा रहा था।