अभिषेक सक्सेना
बदायूं। जिले की सड़कों पर दौड़ रहे ट्रैक्टर-ट्रालियों की संख्या तो हजारों में है लेकिन इनमें संभागीय परिवहन विभाग में एक भी ट्राली का पंजीकरण नहीं है। अधिकांश लोगों ने परिवहन विभाग केनियमों को दरकिनार कर ट्रालियों का साइज भी बड़ा करवा लिया है। जो ओवरलोडिंग से होने वाले हादसों का सबब बनता है। परिवहन विभाग के अधिकारी भी इन ट्रालियों को सीज करने या जुर्माना डालने की कार्रवाई नहीं करते।
जिले में लगभग 14 हजार ट्रैक्टर-ट्रालियां हैं। इनके मालिकों ने ट्रैक्टर का पंजीकरण करवा लिया है लेकिन ट्रालियों का परिवहन विभाग से पंजीकरण नहीं कराया है। खास बात यह है कि ट्राली मालिकों ने इसे बनवाने में भी विभाग केनियमों को दरकिनार करते हुए अपने बजट के अनुसार बनवाया है। रकम कम है तो ट्राली छोटी बनवा ली और ज्यादा है तो बड़ी। हालांकि परिवहन विभाग की नियमावली में ट्रालियों का मानक भी है।
परिवहन विभाग द्वारा ट्राली की लंबाई 2.5 से 4.5 मीटर तक निर्धारित की गई है। इसकी चौड़ाई 1.5 से 2.5 मीटर और ऊंचाई एक मीटर है। ट्राली मालिक लंबाई-चौड़ाई के साथ ट्राली की ऊंचाई भी बढ़ा लेते हैं। ताकि उसमें ज्यादा माल आ जाए।
हमारे रिकॉर्ड में एक भी ट्राली का पंजीकरण नहीं है। मानक से ज्यादा बड़ी ट्रालियां होने की सूचना मिली है। जल्द ही स्थानीय पुलिस की मदद से ऐसी ट्रालियों को रोककर उन्हें सीज किया जाएगा।
रामबिहारी गुप्ता
एआरटीओ प्रशासन
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