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COVID-19: दुनिया में फिर हाहाकार मचा सकता है कोरोना, चीन में BF.7 से तबाही, WHO ने कोविड डेटा मांगा

एएनआई, जिनेवा, स्विट्जरलैंड Published by: Jeet Kumar Updated Thu, 22 Dec 2022 07:05 AM IST
सार

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोविड-19 के बाद की स्थिति की हमारी समझ से परे है और हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि संक्रमण के दीर्घकालिक परिणामों से पीड़ित लोगों का इलाज कैसे किया जाए।

चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ा।
चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ा। - फोटो : Social Media

विस्तार

चीन में फैल रहे कोरोना ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी हैं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि हर हफ्ते चीन में हजारों लोगों की जा रही है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना से जुड़े आंकड़ों को लेकर चिंता जाहिर की है इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने बुधवार को एक बार फिर चीन से कोरोना महामारी की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने के लिए अनुरोधित डेटा को साझा करने को कहा है।



कोरोना से जुड़े सही डेटा की आवश्यकता
डब्ल्यूएचओ प्रमुख घेब्रेयसस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोविड-19 के बाद की स्थिति की हमारी समझ से परे है और हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि संक्रमण के दीर्घकालिक परिणामों से पीड़ित लोगों का इलाज कैसे किया जाए। आगे कहा कि इस महामारी की शुरुआत कैसे हुई, इस बारे में बारे में समझने के लिए सही डेटा की आवश्यकता है।


उन्होंने कहा कि हमने चीन से डेटा साझा करने का अनुरोध किया है। साथ ही टेड्रोस ने कोरोना जैसी गंभीर बीमारी की बढ़ती रिपोर्ट के साथ चीन में विकसित होती स्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि जमीन पर स्थिति का व्यापक जोखिम मूल्यांकन करने के लिए, डब्ल्यूएचओ को रोग की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती और गहन देखभाल इकाइयों के समर्थन की आवश्यकताओं के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी की आवश्यकता है।

चीन में बिगड़े हालात
चीन में वेरिएंट BF.7 ने यहां कहर मचा दिया है और मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चीन में बुधवार को भी हालात सामान्य नहीं दिखे। बीजिंग के मुर्दाघरों से शवों को तेजी से श्मशान घाटों की तरफ निकाला गया। अंत्येष्टि के लिए लंबी कतारें देखी गईं। हालांकि सरकारी कोशिशों से यहां कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई है। साथ ही शहर के अन्य खाली मैदानों को भी अंत्येष्टि स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। 


खतरे में पड़ सकती है 13 से 21 लाख लोगों की जान 
ब्रिटेन स्थित ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स फर्म ने चीन में कोरोना संक्रमण को लेकर बदल रहे हालात पर नया विश्लेषण प्रस्तुत किया है। इसमें कहा गया है कि चीन में हाइब्रिड इम्युनिटी की काफी कमी है और देश में कम टीकाकरण व बूस्टर खुराक वितरण के कारण हालात काफी विकट होंगे। विश्लेषण के मुताबिक, चीन सरकार यदि शून्य-कोविड नीति को पूरी तरह बदलती है तो देश के 13 से 21 लाख लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।

कोरोना का पहला मामला चीन के वुहान में मिला था
बता दें कि कोरोना का पहला मामला चीन के वुहान में मिला था। विशेषज्ञों ने वायरस की उत्पत्ति पर दो प्रमुख सिद्धांतों को सामने रखा है। पहला सिद्धांत यह है कि SARS-CoV-2 एक प्राकृतिक जूनोटिक स्पिलओवर का परिणाम है। दूसरा सिद्धांत यह है कि वायरस ने एक शोध से संबंधित घटना के परिणामस्वरूप मनुष्यों को संक्रमित किया। SARS-CoV-2 एक श्वसन रोगजनक के रूप में उभरा है जो मानव से मानव में फैलता है।

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