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तुर्की में ट्विटर का इस्तेमाल करने वालों के मुताबिक़ इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर रोक लगा दी गई है। कुछ लोगों ने जब ट्विटर की वेबसाइट खोलने की कोशिश की तो उन्हें तुर्की के दूरसंचार नियंत्रक का एक बयान दिखाई दिया। इस बयान में अदालती आदेश का हवाला देते हुए इसे 'सुरक्षा के मद्देनज़र उठाया गया क़दम' बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि ट्विटर पर रोक प्रधानमंत्री रिसेप तैयब अर्दोगान के उस बयान के बाद लगाई गई है जिसमें उन्होंने इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को जड़ से उखाड़ने की बात कही थी। इसके माध्यम से उनके अंदरूनी सर्कल में होने वाले कथित भ्रष्टाचार मुद्दा उठाया जा रहा था।
इस्तांबुल में मौजूद बीबीसी संवाददाता जेम्स रेनॉल्ड ने बताया कि वह भी ट्विटर का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। अर्दोगान ने गुरुवार को कहा, "मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय क्या कहता है। हर कोई तुर्की गणराज्य की ताक़त देखेगा।"
कार्रवाई
कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री से जुड़े भ्रष्टाचार के कथित दस्तावेज़ ट्विटर पर साझा किए थे। अर्दोगान ने इस आरोप को ख़ारिज किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि अदालत ने ट्विटर से कुछ लिंक्स हटाने को कहा था लेकिन माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने इसका कोई जवाब नहीं दिया जिसपर यह कार्रवाई करनी पड़ी।
ट्विटर ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। तुर्की में क़रीब एक करोड़ ट्विटर यूज़र हैं। साल 2010 में तुर्की ने यू-ट्यूब पर लगा प्रतिबंध को हटाया था। इस वेबसाइट में मौजूद कुछ वीडियो में आधुनिक तुर्की के संस्थापक माने जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक बातें दिखाई गई थीं। इसे बाद इसे दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।
तुर्की में ट्विटर का इस्तेमाल करने वालों के मुताबिक़ इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर रोक लगा दी गई है। कुछ लोगों ने जब ट्विटर की वेबसाइट खोलने की कोशिश की तो उन्हें तुर्की के दूरसंचार नियंत्रक का एक बयान दिखाई दिया। इस बयान में अदालती आदेश का हवाला देते हुए इसे 'सुरक्षा के मद्देनज़र उठाया गया क़दम' बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि ट्विटर पर रोक प्रधानमंत्री रिसेप तैयब अर्दोगान के उस बयान के बाद लगाई गई है जिसमें उन्होंने इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को जड़ से उखाड़ने की बात कही थी। इसके माध्यम से उनके अंदरूनी सर्कल में होने वाले कथित भ्रष्टाचार मुद्दा उठाया जा रहा था।
इस्तांबुल में मौजूद बीबीसी संवाददाता जेम्स रेनॉल्ड ने बताया कि वह भी ट्विटर का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। अर्दोगान ने गुरुवार को कहा, "मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय क्या कहता है। हर कोई तुर्की गणराज्य की ताक़त देखेगा।"
कार्रवाईकुछ लोगों ने प्रधानमंत्री से जुड़े भ्रष्टाचार के कथित दस्तावेज़ ट्विटर पर साझा किए थे। अर्दोगान ने इस आरोप को ख़ारिज किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि अदालत ने ट्विटर से कुछ लिंक्स हटाने को कहा था लेकिन माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने इसका कोई जवाब नहीं दिया जिसपर यह कार्रवाई करनी पड़ी।
ट्विटर ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। तुर्की में क़रीब एक करोड़ ट्विटर यूज़र हैं। साल 2010 में तुर्की ने यू-ट्यूब पर लगा प्रतिबंध को हटाया था। इस वेबसाइट में मौजूद कुछ वीडियो में आधुनिक तुर्की के संस्थापक माने जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक बातें दिखाई गई थीं। इसे बाद इसे दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।