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मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी इस बाद गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बीच कई समानताएं हैं। दोनों 2014 में सत्ता में आए और अपने-अपने मुल्क में छा गए। दूसरे कार्यकाल में भी दोनों नेताओं को स्पष्ट ही नहीं छप्पर फाड़ बहुमत मिला। आइए जानते हैं अल सिसी के बारे में सबकुछ...
मिस्र के छठे राष्ट्रपति
मिस्र के छठे राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी का जन्म 19 नवंबर 1954 को हुआ था। 2014 में वह मिस्र के राष्ट्रपति बने। 2018 में वह दोबारा सत्ता पर काबिज हुए। इससे पहले 2013 व 2014 में वह मिस्र के डिप्टी प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहे और 2012-13 में रक्षा मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
सेना में रह चुके हैं अधिकारी
राष्ट्रपति बनने से पहले अल सिसी मिस्र की सेना में बड़े अधिकारी रह चुके हैं। 2014 में वह मिस्र सेना से जनरल पद से सेवानिवृत्त हुए। 2010 से 2012 तक उन्होंने मिलिट्री इंटेलीजेंस के निदेशक के रूप में काम किया। जनवरी, 2014 में अल सिसी को फील्ड मार्शल की पदोन्नति मिली थी।
ट्रंप कर चुके हैं तारीफ
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी अल सिसी की तारीफ कर चुके हैं। 2018 में ट्रंप ने अल सिसी के आंतकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर उनकी प्रशंसा की थी। दरअसल, अल सिसी आतंकवाद के खात्मे के दावे पर ही सत्ता पर काबिज हुए थे।
दो साल बार शामिल होगा विदेश मेहमान
गणतंत्र दिवस समारोह में दो साल बाद कोई विदेशी मेहमान शामिल होने जा रहा है। दरअसल, कोरोना महामारी के कारण बीते दो साल से बिना विदेशी मेहमान के यह आयोजन हो रहा था। 2021 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आतंत्रित किया गया था, लेकिन वहां पर कोरोना के मामले बढ़ने के कारण यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी।