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UK Migrants: इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ी, रिपोर्ट में दावा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन Published by: गुलाम अहमद Updated Fri, 03 Feb 2023 11:03 PM IST
सार

UK Migrants: मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 250 भारतीय प्रवासियों ने इस वर्ष छोटी नावों पर सवार होकर इंग्लिश चैनल को पार किया है। जबकि पिछले साल 233 भारतीयों ने चैनल को पार किया। इस साल अफगान और सीरियाई नागरिकों के बाद भारतीय तीसरा सबसे बड़ा समूह बन गए हैं।

Indians now third largest chunk of migrants in UK to cross English Channel in small boats claims Report
UK Migrants - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

इंग्लिश चैनल को पार कर अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले प्रवासियों में भारतीय तीसरा सबसे बड़ा समूह बन गए हैं। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि भारतीय छात्र नियमों में बचाव के रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो शरण चाहने वालों को ब्रिटेन में अध्ययन करने और अंतरराष्ट्रीय फीस के बजाय बहुत कम भुगतान करने की अनुमति देता है। 



रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 250 भारतीय प्रवासियों ने इस वर्ष छोटी नावों पर सवार होकर खतरनाक इंग्लिश चैनल को पार किया है। जबकि पिछले साल 233 भारतीयों ने चैनल को पार किया था। इस साल अफगान और सीरियाई नागरिकों के बाद भारतीय तीसरा सबसे बड़ा समूह बन गए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीयों के लिए सर्बिया के वीजा-मुक्त यात्रा नियमों का पालन किया जा रहा है। गृह कार्यालय के अधिकारियों का मानना है कि इस कारण प्रवासी ब्रिटेन में प्रवेश कर रहे हैं।


रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल के अंत तक, सभी भारतीय पासपोर्ट धारक 30 दिनों तक बिना वीजा के सर्बिया में प्रवेश करने में सक्षम थे। अधिकारियों का मानना है कि इस व्यवस्था के कारण कुछ भारतीय यूरोपीय संघ और बाद में छोटी नावों में ब्रिटेन की यात्रा करने लगे, जो एक जनवरी 2023 को सर्बिया के साथ यूरोपीय संघ की वीजा नीतियों के साथ यह व्यवस्था समाप्त हो गई।

पिछले साल नवंबर की शुरुआत में प्रकाशित गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 के पहले छह महीनों में आधे से अधिक यानी 51 प्रतिशत प्रवासियों ने छोटी नावों से इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन में प्रवेश किया था। इनमें तीन देशों अल्बानिया (18 प्रतिशत), अफगानिस्तान (18 प्रतिशत) और ईरान (15 प्रतिशत) के नागरिक थे।

NISAU ने भारतीयों छात्रों के अवैध प्रवेश पर चिंता जताई
भारतीय अब तक इस अवैध मार्ग से ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले आधिकारिक आंकड़ों में शामिल नहीं थे। ब्रिटेन में भारतीय छात्र प्रतिनिधि संगठन की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा कि यह बहुत परेशान करने वाला है। पहली बार NISAU (नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन) ने भारतीयों छात्रों के इस तरह से ब्रिटेन में प्रवेश करने के बारे में सुना है।

किसी भी छात्र को वीजा प्रणाली का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए...
उन्होंने कहा कि भारतीय छात्र कानून का पालन करने वाले, मेधावी और बहुत मेहनती होते हैं। हमें चिंता इस बात की है कि अगर इस तरह की छिटपुट घटनाएं सही हैं, तो पूरे समुदाय पर बुरा असर डाल सकती हैं। ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र मार्गदर्शक हैं जो भारत-ब्रिटेन संबंधों का भविष्य निर्धारित कर रहे हैं। हम यह जानना चाहते हैं कि ये प्रवासी कौन हैं और इस तरह से ब्रिटेन में प्रवेश करने के पीछे उनकी मंशा क्या है। किसी भी छात्र को कभी भी ब्रिटेन की वीजा प्रणाली का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।

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