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पाकिस्तान की सियासत में हलचल मचा देने वाले सिंध पुलिस के विद्रोह के लिए वहां के गृह मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह जिम्मेदार हैं। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज और उनके शौहर सफदर अवान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के पीछे शाह का ही दिमाग था।
अवान की गिरफ्तारी का दबाव बनाने के लिए शाह के इशारे पर ही पाकिस्तान रेंजर्स ने कराची में सिंध पुलिस के आईजी मुश्ताक मेहर का उन्हीं के घर में कथित ‘अपहरण’ किया था।
हालांकि इजाज शाह ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान रेंजर्स की कार्रवाई का बचाव किया। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक सिस्टम में किसी भी राजनीतिक नेता को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर राष्ट्रीय संस्थानों को निशाना बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
बता दें कि गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले संघीय कानून प्रवर्तन दल पाकिस्तान रेंजर्स पर शाह का ही सीधा नियंत्रण है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व संचालक शाह ने एक न्यूज चैनल पर यह भी कहा कि पीएमएल (एन) नेता व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भी राज्य विरोधी रुख के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए।
‘कराची कांड’ को लेकर पाकिस्तान सरकार और सेना, दोनों को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पहले से ही आर्थिक संकट समेत तमाम परेशानियों से घिरे पाकिस्तान एक अहम संकट गुजर रहा है, क्योंकि अपने आईजी के कथित अपहरण के विरोध में सिंध सूबे की पुलिस ने सर्वशक्तिशाली सेना के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा दिया है। अपने आईजी के उत्पीड़न के खिलाफ सिंध पुलिस के तकरीबन सभी आला अधिकारियों ने छुट्टी के लिए आवेदन कर दिया है।
विवादों से पुराना नाता रहा है शाह का
पहले भी कई बार शाह की नीतियों और आतंकियों का समर्थन करने के लिए भारी आलोचना हो चुकी है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने भी लखे एक पत्र में कहा था कि यदि उनकी हत्या होती है तो इसके पीछे शाह का हाथ होगा और उसकी जांच की जानी चाहिए। बे
नजीर की पार्टी पीपीपी कई बार शाह के संबंध अल कायदा और तालिबान के साथ होने का आरोप लगा चुकी है। पाकिस्तान के भगोड़े पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने अपने करीबी माने जाने वाले शाह को ऑस्ट्रेलिया का उच्चायुक्त नियुक्त किया था, लेकिन कैनबरा के विरोध पर पाकिस्तान सरकार को उन्हें वापस बुलाना पड़ा था।
पाकिस्तान की सियासत में हलचल मचा देने वाले सिंध पुलिस के विद्रोह के लिए वहां के गृह मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह जिम्मेदार हैं। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज और उनके शौहर सफदर अवान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के पीछे शाह का ही दिमाग था।
अवान की गिरफ्तारी का दबाव बनाने के लिए शाह के इशारे पर ही पाकिस्तान रेंजर्स ने कराची में सिंध पुलिस के आईजी मुश्ताक मेहर का उन्हीं के घर में कथित ‘अपहरण’ किया था।
हालांकि इजाज शाह ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान रेंजर्स की कार्रवाई का बचाव किया। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक सिस्टम में किसी भी राजनीतिक नेता को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर राष्ट्रीय संस्थानों को निशाना बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
बता दें कि गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले संघीय कानून प्रवर्तन दल पाकिस्तान रेंजर्स पर शाह का ही सीधा नियंत्रण है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व संचालक शाह ने एक न्यूज चैनल पर यह भी कहा कि पीएमएल (एन) नेता व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भी राज्य विरोधी रुख के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए।
‘कराची कांड’ को लेकर पाकिस्तान सरकार और सेना, दोनों को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पहले से ही आर्थिक संकट समेत तमाम परेशानियों से घिरे पाकिस्तान एक अहम संकट गुजर रहा है, क्योंकि अपने आईजी के कथित अपहरण के विरोध में सिंध सूबे की पुलिस ने सर्वशक्तिशाली सेना के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा दिया है। अपने आईजी के उत्पीड़न के खिलाफ सिंध पुलिस के तकरीबन सभी आला अधिकारियों ने छुट्टी के लिए आवेदन कर दिया है।
विवादों से पुराना नाता रहा है शाह का
पहले भी कई बार शाह की नीतियों और आतंकियों का समर्थन करने के लिए भारी आलोचना हो चुकी है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने भी लखे एक पत्र में कहा था कि यदि उनकी हत्या होती है तो इसके पीछे शाह का हाथ होगा और उसकी जांच की जानी चाहिए। बे
नजीर की पार्टी पीपीपी कई बार शाह के संबंध अल कायदा और तालिबान के साथ होने का आरोप लगा चुकी है। पाकिस्तान के भगोड़े पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने अपने करीबी माने जाने वाले शाह को ऑस्ट्रेलिया का उच्चायुक्त नियुक्त किया था, लेकिन कैनबरा के विरोध पर पाकिस्तान सरकार को उन्हें वापस बुलाना पड़ा था।