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Spy Balloon: चीन के जासूसी गुब्बारे ने क्या खुफिया जानकारी इकट्ठा की? पेंटागन ने दिया ये जवाब

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन Published by: नितिन गौतम Updated Tue, 04 Apr 2023 08:14 AM IST
सार

अमेरिका के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'चीन जासूसी गुब्बारे को हवा में संचालित करने में सक्षम था, ऐसे में हो सकता है कि उसने कुछ जगहों पर ज्यादा निगरानी की हो। गुब्बारे में इलेक्ट्रोनिक सिग्नल लगे थे और वह उन सिग्नल्स की मदद से रियल टाइम जानकारी बीजिंग भेजने में सक्षम था।'

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समुद्र से जासूसी गुब्बारे को निकालते अमेरिकी सैनिक - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार
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बीते दिनों अमेरिका के आसमान में चीन का जासूसी गुब्बारा दिखाई दिया था, जिसे बाद में अमेरिका ने निशाना बनाकर गिरा दिया था। अमेरिका ने आरोप लगाया था कि चीन इस गुब्बारे की मदद से खुफिया सूचनाएं जुटा रहा था। अब जब पेंटागन की प्रेस सचिव सबरीना सिंह से उस जासूसी गुब्बारे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया है कि अमेरिका अभी इस बात की जांच कर रहा है कि चीन के जासूसी गुब्बारे द्वारा असल में क्या खुफिया सूचनाएं इकट्ठा की गईं? बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन के जासूसी गुब्बारे ने अमेरिका की कुछ मिलिट्री जगहों की जासूसी की है। उसी के जवाब में पेंटागन की प्रेस सचिव ने ये बातें कही। 



क्या बोलीं सबरीना सिंह
पेंटागन की प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने रिपोर्ट्स को बताया कि 'अभी की स्थिति ये है कि हम अभी भी समीक्षा कर रहे हैं कि असल में चीन ने जासूसी गुब्बारे से क्या सूचनाएं इकट्ठा की। हालांकि हम ये जानते हैं कि जो सूचनाएं वो सैटेलाइट से पा सकते हैं, उससे थोड़ी बहुत ज्यादा ही जानकारी उन्होंने जासूसी गुब्बारे से पाई होगी।' मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'चीन जासूसी गुब्बारे को हवा में संचालित करने में सक्षम था, ऐसे में हो सकता है कि उसने कुछ जगहों पर ज्यादा निगरानी की हो। गुब्बारे में इलेक्ट्रोनिक सिग्नल लगे थे और वह उन सिग्नल्स की मदद से रियल टाइम जानकारी बीजिंग भेजने में सक्षम था।'


ये भी पढ़ें- India-China: अमेरिका ने कहा- भारतीय सीमा पर चीन ने उकसावे वाले कदम उठाए, भारत की खूब तारीफ की 

क्या है गुब्बारे से जासूसी का मामला
बता दें कि बीती 28 जनवरी को अमेरिका के राज्य अलास्का से एक जासूसी गुब्बारा अमेरिका के हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ था। इसके बाद वह अमेरिका के कई राज्यों से होकर गुजरा। इस दौरान उसने अमेरिका के कई संवेदनशील सैन्य ठिकानों के ऊपर से भी उड़ान भरी। जिसमें मोंटाना का सैन्य बेस भी शामिल है, जहां अमेरिका के परमाणु हथियार तैनात हैं। इसके बाद 4 फरवरी को इस गुब्बारे को अमेरिका ने निशाना बनाकर अटलांटिक समुद्र में गिरा दिया था, जहां से उसके अवशेष बरामद कर लिए गए थे। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने जासूसी गुब्बारे ने संभवतः हथियारों और कम्युनिकेशन सिस्टम्स से निकलने वाले इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स ही इकट्ठा किए होंगे। समुद्र से बरामद किए गए जासूसी गुब्बारे के हिस्सों का एफबीआई द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। पेंटागन की प्रेस सचिव ने ये भी कहा कि उन्होंने खुफिया सूचनाओं की जासूसी रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना से बचा जा सके। उल्लेखनीय है कि जासूसी कांड के बाद अमेरिका और चीन के रिश्तों में खटास आई है। चूंकि चीन ने गुब्बारे से जासूसी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। 

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