वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले को मंगलवार को 17 साल पूरे हो गए। अमेरिका में एक के बाद एक पांच जगहों पर जिस तरह से आतंकियों ने तबाही की कहानी लिखी थी उसे सोचकर आज भी दुनिया थर्रा जाती है। आंतकी ओसामा बिन लादेन की साजिश के तहत अलकायदा आतंकी संगठन की तबाही का मंजर आज भी अमेरिका की दर्रो-दिवार पर मौजूद है। 17 साल बीत जाने के बाद भी न तो अमेरिका उस हमले को भूल सका है और न दुनिया ही इसे भूल सकी है।
इस मौके पर न्यूयॉर्क सिटी के एक सबवे स्टेशन को फिर खोला गया है। 11 सितंबर 2001 को जब ट्विन टॉवर्स को निशाना बनाया गया, तो उसका ढांचा गिरने से ये तबाह हो गया था। दोबारा इसे शुरू कर दिया गया है और अब इसका नाम कॉर्टलैंडेट स्टॉप रखा गया है। ये नाम इसलिए रखा गया है, क्योंकि इसी सड़क पर ये टॉवर्स मौजूद थे जो अब नेस्तनाबूद हो चुके हैं। 17 साल बाद सबवे पर ट्रेन और यात्री औरपहुंचे।
हमले की गवाह यादें
सबवे की दीवारों को इस तरह से बनाया गया है जिससे उस दर्दनाक मंजर को भूलना नामुमकिन है। इसकी दीवारों पर हमले का दर्दनाक पहलू दर्शाने वाली चित्रकारी भी की गई है। मार्बल से बनी इस दीवार पर आतंकियों ने 9/11 हमला कैसे किया था इसकी जानकारी के साथ-साथ इसपर 1948 में यूएन के मानवाधिकार ऐलान का भी जिक्र को उकेरा गया है।
दोनों टॉवरों का मलवा इसी स्टेशन पर गिरा था
जब आतंकी हमला अमेरिका में हुआ और वहां चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई थी। तब ट्वीन टावरों का मलवा धू-धू कर इसी सबवे पर गिर रहा था और फिर ये भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। इस स्टेशन के निर्माण में करीब तीन साल का समय लगा। जबकि इसपर पड़े ट्विन टावर के मलबे को हटाने और इसकी दुबारा खुदाई में 14 साल लगे। ट्विन टॉवर्स गिरने से 1200 फीट ट्रैक भी तबाह हो गया था।
बनने में तीन साल और मलबा हटने में लग गए 14 साल
इसे दुबारा शुरू करने में अभी तक 1300 करोड़ रुपए खर्च किया गया है। 2001 में अलकायदा आतंकियों ने हमले के लिए 4 विमान हाईजैक किए थे। उनमें से दो विमान ट्विन टावर्स से टकरा दिए थे।
चौंकाने वाली बात यह है कि 9/11 के हमले के 17 साल बीत जाने के बाद भी मृतकों की पहचान नहीं हो सकी। हमले में करीब 2,753 लोग मारे गए थे जिसमें 1,642 लोगों की ही पहचान हो सकी थी। अब भी 1,111 की पहचान नहीं हो सकी है।
वह 11 सिंतबर 2001 की सुबह थी सभी अपने काम को जा रहे थे कि तभी अमेरिका में बड़े आतंकी हमले की खबर आई और पूरी दुनिया सन्न रह गई थी। इस हमले में दुनिया भर के 90 से ज्यादा देशों के लोगों की जान गई थी यही नही इंसानियत को हिला देने वाली इस घटना में कुल 2,996 लोग मारे गए थे जबकि 6 हजार से अधिक लोग घायल हुए थे।
यह एक बहुत बड़ा आतंकी हमला था जिसे अमेरिका के साथ साथ दुनिया के बाकी देश भी अभी तक नहीं भुला पाए हैं। इस हमले में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से दो विमानों को टकरा दिया गया था। दरअसल 19 आतंकवादियों ने दो अमेरिकन विमानों अमेरिकन 11 और यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 को हाईजैक कर लिया था। बाद में इन्हें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की बिल्डिंग से टकरा दिया गया